Kisan protest news- कृषि कानून स्थगन का प्रस्ताव ख़ारिज 11वें दौर की वार्ता आज:
केंद्र सरकार की और से डेढ़ साल के लिए नए कृषि कानूनों के अमल पर स्थगन के प्रस्ताव से गतिरोध खत्म होने की जो आशा जगी थी, किसान संगठनों ने उस पर पानी फेर दिया है। गुरुवार को लंबे मंथन के बाद संगठनों की ओर से प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। वे कानूनों की वापसी के साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) गारंटी को अपनी पुरानी मांग पर अड़े हैं। दरअसल, कहीं न कहीं उनके अंदर । यह भावना बलवती हो गई है कि कुछ दिन और डटे रहे तो सरकार झुकेगी। ऐसे में अब फिर से निगाहें सप्रीम कोर्ट की ओर जाएंगी।
गुरुवार से सुनवाई शुरू कर दो। बुधवार को 10वें दौर की बैठक में सरकार की ओर से तीनों गए कृषि कानूनों के अमल को डेढ़ साल के लिए स्थगित करके एक समिति के गठन की पेशकश की गयी थी | समिति में दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों को सदस्य बनाने का प्रस्ताव दिया गया था। सरकार के इस प्रस्ताव पर बुधवार को फौरी तौर पर किसान नेताओं ने सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त को थी, लेकिन गुरुवार को वे इससे मुकर गए।
किसान संगठनों के इस रुख से सरकार के एक कदम आगे बड़कर समस्या के समाधान की कोशिश को झटका लगा है। इससे गतिरोध बने रहने की आशंका बढ़ गई है। कृषि मंत्रालय में सरकार के प्रस्ताव पर आगे बढ़ने की तैयारियां चल रही यों ि रुकवार को होने वाली बैठक में इसे अमली जामा पहनाया सके। हलकि सरकार की ओर से किसान नेताओं के इस फैसले पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
संयुक्त मोर्चा की और से जारी बयान में किसान आंदोलन को पूर्वं निश्यारित समय सारणी के हिसाब से हो जारी रखने की बात कहो गई है। बैठक में मौजूद एक किसान नेता ने बताया कि हरियाण के किसानों का कहना था कि यदि सरकार तीन नए कानूनों को डेड़ के बाद तीन साल के लिए निलयित का दे और एमएसपी कानून बनाने पर राजी हे ए तो भरना समाप्त करना ठीक खेग। पंजाब के किसान तीनों कानूनों को रद कराने की मांग पर अड़े हैं।
किसान 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली को लेकर भी अड़े हुए हैं, जबकि दिल्ली पुलिस ने उन्हें अभी तक इसकी अनुमति नहीं दी है। मोर्चा की ओर से किसान नेता इदर्शन पाल ने कहा कि पुलिस ने दिल्ली में प्रवेश नहीं करने की बात करो, वहीं किसानों ने दिल्ली की आउटर रिंग रोड पर रेली करते की वात दृढ़ता से रखी। वहीं, पुलिस ने केएमपी एक्सप्रेस वे पर ट्रैक्टर रेली निकालने की सलाह दी।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित समिति ने भी गुरुवार से किसान संगठनों के साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरू कर दी। समिति ने एक बयान जारी कर बताया कि विभिन्न किसान संगठनों के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये बातचीत की गई। कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश के 10 किसान संगठनों ने बातचीत में हिस्सा लिया बयान के मुताबिक, किसान संगठनों ने बातचीत में हिस्सा लिया और खुलकर अपने विचार रखे।
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