सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को कर्नाटक हिजाब विवाद (Karnataka Hijab Controversy) पर निर्णय दे सकता है। न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ इस मामले में फैसला सुनाएगी। पीठ ने 10 दिनों तक मामले में दलीलें सुनने के बाद 22 सितंबर को याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से 21 वकीलों और सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज, कर्नाटक के महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी ने पक्ष रखा।
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सुप्रीम कोर्ट कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें शैक्षणिक संस्थानों को शैक्षणिक संस्थानों में ड्रेस कोड निर्धारित करने के निर्देश देने के कर्नाटक सरकार के फैसले को बरकरार रखा गया था। विभिन्न याचिकाकर्ताओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी, न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जेएम खाजी की पीठ ने पहले माना था कि ड्रेस कोड लागू करने के फैसले पर छात्र आपत्ति नहीं कर सकते हैं। पीठ ने हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं को खारिज कर दिया।
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Karnataka Hijab Controversy – आपको बता दें कि इस साल जनवरी में उडुपी के गवर्नमेंट पीयू कॉलेज ने कथित तौर पर हिजाब पहनने वाली छह लड़कियों को प्रवेश करने से रोक दिया गया था। इसके बाद छात्राएं कॉलेज के बाहर धरने पर बैठ गईं। इसके बाद यह मामला भड़क गया। उडुपी के कई कॉलेजों के लड़के भगवा स्कार्फ पहनकर क्लास अटेंड करने लगे। यह विरोध राज्य के अन्य हिस्सों में भी फैल गया और कर्नाटक में कई स्थानों पर विरोध-प्रदर्शन हुए।इसके बाद कर्नाटक सरकार ने कहा कि सभी छात्रों को ड्रेस कोड का पालन करना चाहिए। स्कूल-कॉलेज में हिजाब और भगवा स्कार्फ दोनों पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
