District coordinator of Birth and Death Certificate Branch wrote a letter to the Chief Registrar and health

सांकेतिक तस्वीर

विस्तार

हरियाणा के कैथल जिले में भारत सरकार के मिलते-जुलते फर्जी पोर्टल से तैयार जन्म प्रमाणपत्र के मामले से जुड़ी फर्जी जन्म प्रमाणपत्र की साइट बंद बता रही है। उसका क्यूआर कोड से भी लिंक नहीं मिल पा रहा है। मामले के संबंध में जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र शाखा के जिला संयोजक ने चीफ रजिस्ट्रार व स्वास्थ्य के महानिदेशक को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है।

यह मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग भी हरकत में आ गया है। जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा के जिला संयोजक डॉ. गौरव पुनिया ने चीफ रजिस्ट्रार व स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक को पत्र लिखकर सूचित किया है। उनका कहना है यह मामला उजागर होने के बाद अब फर्जी जन्म प्रमाणपत्र की साइट भी बंद हो चुकी है।

इसके साथ ही क्यू आर कोड से भी लिंक नहीं मिल पा रहा है। पुनिया ने बताया कि चीफ रजिस्ट्रार व स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक को सारी जानकारी भेजी गई है। अब आला अधिकारी ही मामले की गहनता से जांच करेंगे। यदि उनके पास कोई आदेश आएंगे तो उसके अनुसार ही व आगे की कार्रवाई करेंगे।

यह था मामला

जिले में भारत सरकार के मिलते जुलते फर्जी पोर्टल से तैयार जन्म प्रमाणपत्र बनाने का मामला आया था। इस जन्म प्रमाणपत्र में भारत सरकार के लोगो के साथ अशोक की लाट का चिह्न भी लगा था। यह फर्जीवाड़ा तब सामने आया, जब एक युवक जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा की कार्यालय में दूसरा प्रमाणपत्र लेने के लिए आया। यही नहीं, यह फर्जी जन्म प्रमाणपत्र सोशल मीडिया पर भी तेजी से वायरल हुआ। इतना ही नहीं जन्म प्रमाणपत्र की सत्यता पता करने के लिए प्रमाण पत्र पर लडे इस क्यू आर कोड भी दिया गया।

इसमें जैसे ही स्कैन करते हैं तो भारत सरकार के मिलते जुलते पोर्टल के साथ एक फर्जी पोर्टल खुलता था, लेकिन अब यह पोर्टल भी बंद हो चुका है। सरकार के असली पोर्टल का डोमन नेम https://crsorgi.gov.in है जबकि इन पोर्टल का डोमन नेम https://crsorgi-gov-in.in, https://crsgov.com और https://crsorggob.in है।

जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा के जिला संयोजक डॉ. गौरव पूनिया ने बताया कि जन्म एवं मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए फर्जी पोर्टल व जन्म प्रमाणपत्र का मामला सामने आने के बाद अब चीफ रजिस्ट्रार व स्वास्थ्य विभाग के महानिदेशक को लिखा गया है। उन्हें ई-मेल के माध्यम से पूरे मामले की जानकारी दे दी गई है। उनके सामने यह मामला तब सामने आया था, जब कार्यालय में एक युवक एक प्रमाणपत्र लेकर आया और उस जन्म प्रमाणपत्र दूसरी कॉपी की मांग करने लगा। जब उसके जन्म प्रमाणपत्र की जांच की तो वो प्रमाण फर्जी पाया।

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