जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने नापाक हरकत करते हुए 26 लोगों की हत्या कर दी थी. इसके बाद सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवादियों के 9 ठिकानों को नेस्तनाबूद कर (operation sindoor) दिया. अब बॉर्डर पर दोनों सेना आमने सामने है और हमारे बहादुर जवान मजबूती से डटे हुए है. उनके परिजन भी जीत के लिए आश्वत है. ऐसा ही एक परिवार कानपुर में है, जहां पिता ने ऑपरेशन कारगिल को अंजाम दिया था और बेटा ऑपरेशन सिंदूर के लिए सीमा पर डटा हुआ है.
operation sindoor – सेना से रिटायर बहादुर सिंह का परिवार खुश है और खुशी की वजह है उनके घर का एक सपूत अजय राजावत बॉर्डर पर तैनात देश की रक्षा कर रहा है. परिवार में किसी के चेहरे पर ना डर है और ना शिकन. बहादुर सिंह ने खुद साल 2000 में ऑपरेशन कारगिल के दौरान दुश्मनों के दांत खट्टे किए थे. वो सेना से रिटायर हो चुके है. इसके बावजूद आज भी वह बॉर्डर पर जाने को तैयार है.
पत्नी का दमक रहा चेहरा
दूसरी तरफ बेटे अजय की पत्नी का चेहरा भी दमक रहा है. उनको खुशी है कि उनका पति देश की बॉर्डर पर करोड़ों सिंदूर की रक्षा कर रहा है. वो भगवान की रोज पूजा करती है और मांगती है कि उनका पति और देश के सभी जवान जीतकर वापस आए. पत्नी का कहना है कि उनके ससुर और पति दोनों ने अपना जीवन देश की सेवा में दिया है और वो अपने बेटे को भी सेना में भेजने के लिए तैयार है.
हर मोर्चे पर मुस्तैद भारतीय सेना
ऐसे ही देश के लाखों जवान बॉर्डर पर तैनात है, लेकिन उनके परिजनों के चेहरे पर शिकन तक नहीं है. सभी जानते है कि दुश्मन परास्त होगा और देश की सेना विजय पताका लहराएगी. भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव के बाद भारतीय सेना हर मोर्चे पर मजबूती से मुस्तैद होकर खड़ी हुई है.