देश की सुरक्षा का जिम्मा सीमा पर तैनात जवानों का है। देश के लोग चैन की नींद सो पाएं, इसलिए वो रातभर जागकर और अपनी जान जोखिम में डालकर सीमा की निगरानी करते हैं।

वो भी इसी देश के नागरिक हैं, इसलिए सामान्य लोगों की तरह उन्हें भी सरकार चुनने का अधिकार है। भारत में आम लोग कैसे वोट डालते हैं, ये तो ज्यादातर लोगों को पता होता है। लेकिन सबके मन में एक ही सवाल है कि सेना के जवान किस तरह से वोटिंग करते हैं।

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19 अप्रैल से शुरू हैं लोकसभा चुनाव 

देशभर में लोकतंत्र का पर्व यानी लोकसभा चुनाव के शुरू होने में बस अब कुछ ही दिन का समय बाकी है। 19 अप्रैल से लेकर 1 जून तक 7 चरणों में चुनाव संपन्न होंगे और नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे। ऐसे में घर, परिवार और रिश्तेदारों को छोड़कर सीमा पर देश की हिफाजत में लगे सेना के जवान भी ‘लोकतंत्र के त्योहार’ में सहभागिता निभाते हैं।

भारत में सैकड़ों सैनिक भारतीय सेना के तीनों अंगों थल, जल और वायुसेना में सेवाएं दे रहे हैं। पहले भारतीय सीमा पर तैनात जवानों के लिए बैलेट पेपर डाक के जरिये भेजे जाते थे। हालांकि, अब तरीका और ट्रेंड बदल चुका है। चुनाव आयोग ने ETPBS प्रणाली यानी इलेक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सिस्टम का तरीका अपनाया है।

सेना के जवानों को पोस्टल वोटिंग के जरिए अपना वोट डालना होता है। उन्हें एक मेल आता है, जिस पर वो निशान लगाते हैं और इसे अपने क्षेत्र के अधिकारी को पोस्ट करते हैं।

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पोस्टिंग वाली जगह से डालते हैं वोट

मताधिकार क्षेत्र में आने वाले तमाम सेना के जवानों को जानकारी दी जाती है, जिसके बाद वो अपनी पोस्टिंग वाली जगह से ही वोट डालते हैं। एक और जरूरी बात यह कि पोस्टल बैलेट से वोटिंग करने वालों की संख्या चुनाव आयोग द्वारा पहले ही तय कर ली जाती है।

 

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