
एफआईआर की प्रतीकात्मक तस्वीर
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हिसार पुलिस कस्टडी में थर्ड टार्चर से हुई फतेहाबाद के सेक्टर तीन निवासी हरपाल की मौत हो गई थी। इस मामले में सदर थाना पुलिस ने हरियाणा नारकोटिक्स सेंटर ब्यूरो हिसार यूनिट के इंचार्ज इंस्पेक्टर पवन समेत 7 पुलिस कर्मचारियों पर हत्या का केस दर्ज किया है। रोहतक पीजीआई में 31 अगस्त को उपचार के दौरान हरपाल की मौत हुई थी। इस संबंध में मृतका की पत्नी सुमन ने एडीजीपी श्रीकांत जाधव को शिकायत दी थी।
एक जुलाई को पकड़ कर ले गए थे
पुलिस को दी गई शिकायत में फतेहाबाद के सेक्टर 3 में रहने वाली सुमन ने बताया कि 1 जुलाई की शाम को पति हरपाल घर से घरेलू सामान खरीदने के लिए गया था। दो घंटे तक वह घर नहीं पहुंचा तो फोन किया लेकिन फोन नहीं लगा। पूरी रात वह घर नहीं आया। अगले दिन एएसआई हेमराज का फोन आया कि रोहतक पुलिस ने हरपाल को पकड़ रखा है और वह अर्बन एस्टेट थाना में बंद है। पता चलने पर नंनदोई प्रमोद के साथ रोहतक थाने में पहुंची। वहां पर पुलिस वालों ने पति से मिलने नहीं दिया।
रोहतक पीजीआई में उपचार के दौरान हुई थी मौत
जब पति को थाने से कोर्ट ले जा रहे थे तो कहा कि 15 से 20 लाख रुपये का इंतजाम कर लो नहीं तो इंस्पेक्टर पवन साजिश के तहत मुझे तंग करेगा। उस दौरान पति ने बताया कि पुलिस रात को मुझे फतेहाबाद से उठाकर रोहतक लेकर आई और मुझे झूठे केस में फंसाया गया है। उसके बाद पति को हिसार ले आए यहां पर उसे थर्ड डिग्री का टार्चर किया जिस कारण वह बेहोश हो गया। इंस्पेक्टर पवन कुमार ने हालत बिगड़ने पर पति को शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया।
5 जुलाई को जब अस्पताल में मिलने के लिए आए तो पति बेहोशी की हालत में था। बाद में कोर्ट के आदेश पर पति को रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया। जहां पर 31 अगस्त की रात को पति ने दम तोड़ दिया। आरोप है कि पुलिस की थर्ड डिग्री के कारण पति हरपाल की मौत हुई है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर इंस्पेक्टर पवन समेत 7 पर हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।