नई दिल्ली : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को ओखला लैंडफिल स्थल का दौरा किया और कहा कि लक्ष्य दिसंबर, 2024 तक शहर को कूड़े के (Garbage Mountains) सभी तीनों पहाड़ों से मुक्ति दिलाना है। दक्षिणी दिल्ली के इस दौरे के दौरान केजरीवाल के साथ उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी कैलाश गहलोत, महापौर शैली ओबरॉय एवं निगम आयुक्त ज्ञानेश भारती थे। ओखला के इस स्थल पर बड़े स्तर पर कचरा डालने की शुरुआत 1990 के दशक में शुरू हुई थी। कई साल पहले ही यहां कचरा संग्रहण की क्षमता पूरी हो गयी थी। ओखला लैंडफिल स्थल पर करीब 40 लाख मीट्रिक टन अपशिष्ट पहले से ही है।
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केजरीवाल ने स्थल पर संवाददाताओं से कहा कि पिछले कुछ सालों में करीब 20-25 लाख मीट्रिक टन अपशिष्ट यहां से हटाया गया लेकिन अब भी यहां करीब 40 लाख मीट्रिक टन अपशिष्ट है। उन्होंने कहा कि कूड़े के इस पहाड़ को हटाने का निर्धारित समय सीमा मई, 2024 है। लेकिन हमारे अधिकारी एवं अभियंता इस पर काम कर रहे हैं तथा हमारा लक्ष्य अगले साल मई के बजाय दिसंबर, 2023 तक उसे हटाने की कोशिश करना है।’’ उन्होंने कहा कि यहां बायोमाइनिंग (सूक्ष्मजीवों की मदद से अपशिष्ट को उपयोगी वस्तुओं में तब्दील करना) की प्रचुर क्षमता है लेकिन लैंडफिल से अपशिष्ट हटाने एवं निस्तारित करने की क्षमता कम है।
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Garbage Mountains – उन्होंने कहा कि फिलहाल इसकी रोजाना निस्तारण क्षमता 4000-4500 मीट्रिक टन है लेकिन एक अप्रैल तक ‘हम इसे रोजाना 10000 मीट्रिक टन तक ले जायेंगे। केजरीवाल ने कहा कि एक अप्रैल को निरीक्षण के लिए वह फिर ओखला लैंडफिल स्थल पर आयेंगे। उन्होंने कहा कि और जून तक हमें इसकी 15000 मीट्रिक ट्रन रोजाना क्षमता तक बढ़ जाने की आशा है। यदि हम 15000 मीट्रिक टन क्षमता से आगे बढ़ते हैं तो दिसंबर-जनवरी तक हम इस स्थल को साफ करने के अपने लक्ष्य पर पहुंच जायेंगे तथा स्थानीय लोगों को भी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसी तरह गाजीपुर और भलस्वा लैंडफिल स्थलों पर भी काम चल रहा है और अगले दो-तीन दिनों में जब ‘हम वहां का दौरा करेंगे तब हम वहां की स्थिति भी जायजा लेंगे।