मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में हुई भगदड़ और मौत के सही आंकड़े अभी तक सामने नहीं आ पाए हैं. प्रशासन के दावों की जौनपुर के चश्मदीदों ने पोल खोलकर रख दी है. झूसी सेक्टर 21 में हुई भगदड़ में जौनपुर की एक महिला की मौत हो गई. महिला के साथ नौ लोग जौनपुर से प्रयागराज महाकुंभ स्नान करने गए थे. महिला के शव को बिना पोस्टमार्टम किए शव दे दिया गया. चश्मदीदों ने जो बताया वह जानकार आप हैरान रह जाएंगे.

Family of jaunpur killed in jhansi stampede – जौनपुर के सरपतहां थाना क्षेत्र के लौंदा गांव से नौ लोग महाकुंभ में स्नान करने गए थे. सभी लोग महाकुंभ पहुंचने के बाद थोड़ी देर आराम करने लगे. सुबह करीब तीन बजकर पचास मिनट पर जब श्रद्धालुओं ने स्नान के लिए आगे की तरफ चलना शुरू किया, तो वे भगदड़ का शिकार हो गए. चश्मदीदों के अनुसार, संगम नोज पर भगदड़ होने के बाद संगम जाने के सभी रास्ते बंद कर दिए गए थे. श्रद्धालुओं की भारी भीड़ झूसी की तरफ जा रही थी, वो लोग भी पीछे चल रहे थे.

मोर्चरी के मिला शव

चंद्रावती को काफी ढूंढने के बाद जब वो नहीं मिलीं तो लोगों ने एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल जाकर तलाश करना शुरू कर दिया. लोगों को लगा चंद्रावती यदि भगदड़ में घायल हुई होंगी तो हो सकता है किसी न किसी अस्पताल में मिल जाएं. इसी आस में सभी लोग अस्पताल में ढूंढने लगे. मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में जब चंद्रावती के देवर शिवशंकर मिश्रा पहुंचे तो वहां मोर्चरी में उन्होंने जो देखा वो बेहद चौंकाने वाला है.

150 से 200 शव

भाभी की तलाश में मोर्चरी गए शिव शंकर मिश्रा ने टीवी9 से बताया कि बाहर केवल अज्ञात चौबीस लोगों की फोटो शिनाख्त के लिए चिपकाई गई थी. जब उन्होंने फोटो देखी तो उसमें उनकी लापता भाभी चंद्रावती का भी फोटो लगा था. दीवार पर चिपकाई गई फोटो से शव का शिनाख्त करने के लिए शिवशंकर जब अंदर गए तो वहां करीब 150 से 200 शव रखे गए थे. किसी तरह उन्होंने अपनी मृत भाभी के शव की पहचान की.

बिना पोस्टमार्टम के सौंपा शव

चंद्रावती का शव मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन ने शव को उनके देवर और बेटे को सौंप दिया. पोस्टमार्टम कराने के लिए जब परिजनों ने कहा तो अस्पताल प्रशासन की ओर से बोला गया कि सरकार ने ऐसी एडवायजरी जारी की है, जिसके चलते किसी शव का पोस्टमार्टम नहीं हो रहा है. शव लेकर जाइए ऑनलाइन आपको डेथ सर्टिफिकेट मिल जाएगा. फिलहाल, एक पुलिसकर्मी के एक साथ एंबुलेंस में चंद्रावती के शव को जौनपुर भेज दिया गया.

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