Delhi Budget – दिल्ली सरकार द्वारा आज रोजगार को लेकर बजट (Delhi Budget) पेश किया गया। डिप्टी सीएम और वित्त मंत्री मनीश सिसोदिया ने आज विधानसभा में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश कर दिया है। बजट को वे लाल रंग के टैब में लेकर पहुंचे। इस बजट को रोजगार बजट (Delhi Budget) नाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसका मकसद आर्थिक कल्याण लाना है। उन्होंने अगले पांच सालों में 20 लाख रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। डिप्टी सीएम ने बताया कि पिछले सात साल में केजरीवाल सरकार ने 1.78 लाख युवाओं को रोजगार दिया है। उन्होंने विधानसभा में कहा कि हम 2013 में सत्ता में आए थे। उससे पहले नौ सालों तक एक भी रोजगार नहीं दिया गया।
बीस लाख लोगों को नौकरियां
बजट पेश करते हुए मनीष सिसोदिया ने कहा कि पिछले साल सरकार ने देशभक्ति बजट पेश किया था, इस बार हम रोजगार बजट पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार अगले पांच साल दिल्ली के लोगों को 20 लाख नौकरियां देगी। डिप्टी सीएम ने कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व में आए 7 बजट से दिल्ली के स्कूल अच्छे हुए, बिजली मिल रही है, लोगों के जीरो बिल आ रहे हैं, मेट्रो का विस्तार हो रहा है। अब लोगों को सरकारी दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
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मनीष सिसोदिया ने कहा कि सात सालों में आप सरकार ने एक लाख 78 हजार युवाओं को पक्की नौकरी दी है। इससे पहले की सरकार ने कोई नौकरी नहीं दी थी। इस साल का बजट रोजगार बजट है। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए दिल्ली का बजट 75 हजार 800 करोड़ रुपए का है। इस बजट में स्थानीय निकायों के लिए 6154 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
सरकार लाएगी स्टार्टअप पॉलिसी
सदन में डिप्टी सीएम ने कहा कि रिटेल मार्केट को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार शॉपिंग फेस्टिवल शुरू करेगी। दिल्ली में देश-विदेश के लोगों को बुलाकर शॉपिंग के लिए प्रोत्साहित करने के लिए इस फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा। छोटे-छोटे स्थानीय बाजारों को ग्राहकों से जोड़ने के लिए दिल्ली बाजार पोर्टल की शुरुआत की जाएगी।
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सीएम ने कहा कि हमारा मकसद टैक्स कलेक्ट करना नहीं बल्कि रोजगार के अवसर पैदा करना है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में दिल्ली के रिटेल बाजार में लगभग 3.50 लाख दुकाने हैं। इनसे 7.50 लाख लोगों को रोजगार मिलता है। दिल्ली सरकार स्थानीय मार्केट एसोसिएशन और दुकानदारों के साथ मिलकर बाजारों को विकसित करेगी। पहले चरण में इसकी शुरुआत पांच बाजारों के साथ की जाएगी। इसके लिए 100 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। इससे पांच साल के अंदर डेढ़ लाख नई नौकरियों के अवसर पैदा हो सकते हैं।