Charbagh Station Lucknow: चारबाग रेलवे स्टेशन देश के उन ऐतिहासिक धरोहरों में से एक है, जिसने स्वतंत्रता आंदोलन को बहुत करीब से देखा । चारबाग स्टेशन आजादी के नायकों के लखनऊ आगमन का साक्षी है। महात्मा गांधी के साथ ट्रेन में दक्षिण अफ्रीका में हुए दुर्व्यवहार जैसी घटनाओं के निशान यहां आज भी मिलते हैं। रेलवे के दस्तावेज बताते हैं कि चारबाग स्टेशन पर ट्रेन आने से पहले भारतीयों को एक कमरे में बंद कर दिया जाता था, जब ट्रेन में अंग्रेज अफसर और उनका परिवार बैठ जाता था, तब भारतीयों को एक डिब्बे में चढ़ा दिया जाता था। इसी चारबाग स्टेशन पर जब महात्मा गांधी कांग्रेस के अधिवेशन में शामिल होने आए तो यहां पर उनकी मुलाकात पहली बार पंडित जवाहर लाल नेहरू से हुई। चारबाग स्टेशन के बाहर निकलते ही मौजूद पार्क के सामने एक शिलापट गांधी-नेहरू की पहली मुलाकात की गवाही देता है।

इसे भी पढ़े: बजट में होगा आजीविका पर ज्यादा ज़ोर

रेलवे के इस शिलापट में लिखा है कि महात्मा गांधी 26 से 30 दिसंबर 1916 तक लखनऊ में आयोजित कांग्रेस अधिवेशन में हिस्सा के लिए आए थे। इस अधिवेशन में महात्मा गांधी ने श्रमिकों की भर्ती कर विदेश ले जाने की प्रथा को बंद करने का प्रस्ताव रखा था। पंडित जवाहर लाल नेहरू इस अधिवेशन में शामिल हुए थे। वह महात्मा गांधी से मिलने सीधे चारबाग रेलवे स्टेशन आ गए थे। यहां जैसे ही महात्मा गांधी बाहर निकले, उन्होंने जवाहर लाल नेहरू को देखा। इसके बाद भी स्वतंत्रता आंदोलन को धार देने के लिए महात्मा गांधी कई बार लखनऊ आए।

Charbagh Station Lucknow: वह 11 मार्च 1919, 5 अक्टूबर 1920, 26 फरवरी 1921, आठ अगस्त 1921, 17 अक्टूबर 1925 और 27 अक्टूबर 1929 को भी लखनऊ आए। महात्मा गांधी ने 17 अक्टूबर 1925 को लखनऊ में तीन घंटे के प्रवास के दौरान नगर पालिका का अभिनंदन पत्र स्वीकार किया था और त्रिलोकनाथ हाल यहां अब नगर निगम का सदन होता है) में सार्वजनिक सभा में भाषण दिया था। स्वास्थ्य से भी सरोकार: महात्मा गांधी स्वतंत्रता के साथ स्वास्थ्य और पर्यावरण जैसे सामाजिक सरोकारों की अलख जगा रहे थे उन्होंने गोखले मार्ग पर कांग्रेस नेता शीला कौल के आवास पर बरगद का पेड़ मार्च 1936 में लगाया था। आज यह पेड़ लोगों को छांव दे रहा है। वहीं 28 सितंबर 1929 को गांधी ने चिनहट में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापना की। इससे पहले भी वह चिनहट आए और वर्ष 1920 में एक पूर्व माध्यमिक विद्यालय की आधारशिला रखी थी।

आज डालीगंज-शहीद स्मारक मार्ग प्रतिबंधित
Charbagh Station Lucknow: गांधी के बलिदान दिवस पर शहीद स्मारक में आयोजित कार्यक्रमों के महेनजर शनिवार शाम को यातायात व्यवस्था बदली रहेगी। परिवर्तन चौक से डालीगंज चौराहे को जाने वाले वाहनों को दूसरे रास्ते से भेजा जाएगा। बलिदान दिवस के अवसर पर
स्वतंत्रता संग्राम में वीरगति को प्राप्त करने वाले शहीदों को शहीद स्मारक में श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके साथ ही दीपदान और भजन आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह जानकारी शुक्रवार को डीसीपी ट्रैफिक ख्याति गर्ग ने दी।
डायवर्जन व्यवस्था इधर नहीं जा सकेंगे
- पक्का पुल, शाहमीना से आने वाले वाहन डालीगंज पुल चौराहे से शहीद स्मारक की ओर।
- सीडीआरआइ तिराहे से शहीद स्मारक से डालीगंज चौराहे की ओर।
- पार्किंग व्यवस्था शहीद स्मारक से टेटी कोटी बलरामपुर तक सड़क के किनारे किनारे।
- शहीद स्मारक से डालीगंज पुल तक बाई तरफ एक लाइन में सड़क के किनारे।
इसे भी पढ़े: Not really Nehru, it was Gandhi and Congress ‘Right’ who made Bose resign as party president