Chacha Shivpal against akhilesh: उत्तर प्रदेश में लगता है 2022 के विधानसभा सभा चुनाव में भी चाचा भतीजे का मिलन नहीं होगा, शिवपाल यादव अखिलेश का साथ देने की बजाय उनका साथ देने जा रहे हैं जो यूपी में सपा का की नुक्सान करेगा। सपा की सारी राजनीति यूपी के यादव और मुस्लिम वोट के इर्द गिर्द घूमती है। असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने यूपी के विधानसभा चुनाव में उतरने के ऐलान कर दिया है। असदुद्दीन ओवैसी अपने साथ अन्य दलों को जोड़ने की कोशिश में जुट गए हैं। बुधवार को उन्होंने कहा कि मैं आने वाले दिनों में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव से मुलाकात करूंगा।
औवैसी ने कहा कि शिवपाल यादव से हमारी पार्टी के यूपी चीफ ने मुलाकात की है। आने वाले दिनों में भी उनसे मिल कर बात करूंगा। हैदराबाद सांसद के इस बयान के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि वे उत्तर प्रदेश के छोटे दलों के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरेंगे। राज्य में 2022 के फरवरी-मार्च महीने में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
Chacha Shivpal against akhilesh: इससे पहले बुधवार को उन्होंने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर से मुलाकात की और कहा कि बिहार में जो हमें कामयाबी मिली उसमें ओम प्रकाश राजभर जी का भी सहयोग है। हम ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्युलर एलायंस का हिस्सा थे। हमको तो बिहार की सफलता के बाद हौसला मिला है और उस कामयाबी के सिलसिले को जारी रखेंगे। बिहार में हाल में ही विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम को पांच सीटें मिली थीं। ओवैसी से मुलाकात के बाद ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि हमने एक साल पहले भागीदारी संकल्प मोर्चा का गठन किया था और हम 2022 का विधानसभा चुनाव एक साथ मिलकर लड़ेंगे। कल तक लोग कहते थे कि ओपी राजभर अकेला है और वह क्या कर लेगा? अब जब ओवैसी जी आए हैं तो लोगों को दर्द क्यों हो रहा है।
राजभर से पूछा गया कि क्या बीजेपी का मुकाबला करने के लिए वह ओवैसी के साथ आ रहे हैं तो इस पर बीजेपी के पूर्व सहयोगी राजभर ने कहा कि हमने मोर्चा चुनाव जीतने के लिए बनाया है और हम शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मुद्दे पर चुनाव लड़ेंगे। राजभर से पूछा गया कि ऐसा कहा जाता है कि ओवैसी की पार्टी वोट कटवा है, इस पर उन्होंने जवाब दिया कि हम चाहते हैं कि ओवैसी जी अपने समुदाय का वोट काटें, राजभर अपने समुदाय का वोट काटें, अपना दल की कृष्णा पटेल अपने समुदाय का वोट काटें। यह सारे वोट एकजुट हो जाए और हम चुनाव जीत जाएंगे।
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