कोलकाता : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता एवं पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य का गुरुवार को दक्षिणी कोलकाता स्थित उनके आवास में निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे। उनके परिवार में पत्नी मीरा भट्टाचार्य और बेटा सुचेतन हैं। श्री भट्टाचार्य लंबे समय से (Buddhadeb Bhattacharya Passed Away) उम्रजनित बीमारी और सांस लेने में तकलीफ से पीड़ित थे। वह दो बार कोविड-19 से संक्रमित हो चुके थे। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि श्री भट्टाचार्य ने आज सुबह करीब 08.20 बजे दक्षिणी कोलकाता में पाम एवेन्यू स्थित अपने आवास में अंतिम सांस ली।

इसे भी पढ़ें – बांग्लादेश में मुजीब के बाद अब रवींद्रनाथ की मूर्ति तोड़ी गई, तसलीमा ने जताया विरोध

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वरिष्ठ माकपा नेता के निधन पर शोक जताया है।सुश्री बनर्जी ने अपने एक्स हैंडल पोस्ट में कहा , “पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के आकस्मिक निधन से स्तब्ध और दुखी हूं।मैं उन्हें पिछले कई दशकों से जानती हूं। जब वह बीमार थे और पिछले कुछ सालों में घर तक ही सीमित थे, तो मैं उनसे कई बार मिलने गयी थी। दुख की इस घड़ी में मीरा दी और सुचेतन के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना।”

Buddhadeb Bhattacharya Passed Away – एक मार्च-1944 को उत्तरी कोलकाता में एक बंगाली ब्राह्मण परिवार में जन्मे श्री भट्टाचार्य ने कलकत्ता (अब कोलकाता) के प्रेसीडेंसी कॉलेज में बंगाली साहित्य का अध्ययन किया तथा बंगाली (ऑनर्स) में बी.ए. की डिग्री हासिल की और एक शिक्षक के रूप में दमदम में आदर्श शंख विद्या मंदिर स्कूल में शामिल हो गये। पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चे के 34 साल तक सत्तारुढ़ रहने के दौरान श्री भट्टाचार्य दूसरे और आखिरी माकपा मुख्यमंत्री रहे।

इसे भी पढ़ें – विनेश को अयोग्य करार दिया जाना दिल तोड़ने वाला, वह चैम्पियन थीं, हैं और रहेंगी : सांसद

उन्होंने 2000 से 2011 तक राज्य के सातवें मुख्यमंत्री पद की बागडोर संभाली। वह माकपा की व्यापक पूंजीवाद विरोधी नीतियों के विपरीत व्यापार के संबंध में अपनी अपेक्षाकृत खुली नीतियों के लिए जाने जाते थे।मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान निजी निवेश को आमंत्रित करने की कोशिशों के तहत उन्हें भूमि अधिग्रहण के कड़े विरोध और प्रदर्शन कारियों के खिलाफ हिंसा के आरोपों का सामना करना पड़ा।

Share.
Exit mobile version