कोलकाता : बांग्लादेश में हिंसा के बीच अब रवींद्रनाथ टैगोर की मूर्ति को तोड़े जाने का मामला सामने आया है। इस घटना पर लेखिका तसलीमा नसरीन ने तीखा विरोध जताया है। तसलीमा ने अपने फेसबुक पोस्ट में इस घटना पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए सवाल उठाया कि आखिरकार रवींद्र संगीत गाकर (After Mujib Tagore’s Statue Was Destroyed) विरोध करने वाले छात्र कैसे रवींद्रनाथ की मूर्ति को तोड़ सकते हैं?

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After Mujib Tagore’s Statue Was Destroyed – तसलीमा ने अपने पोस्ट में लिखा, क्या मबोकरेसी (भीड़तंत्र) से डेमोक्रेसी (लोकतंत्र) आ सकती है? यह लोकतंत्र नहीं है, यदि किसी राजनीतिक दल को जबरदस्ती चुनाव से बाहर करना पड़े। जो भीड़ पुलिस या आर्मी के नियंत्रण में नहीं आती, उसे कौन नियंत्रित करेगा? जो ‘जाग्रत छात्र जनता’ रवींद्रनाथ का गीत गाकर लोगों को मोहित कर रहे थे, वे ही अब रवींद्रनाथ की मूर्ति तोड़करधूल में मिला रहे हैं।

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क्या वह दिखावा था? क्या ये छात्र अपने स्कूल लौट सकते हैं, जिन्होंने हजारों लोगों को मारा, सार्वजनिक संपत्ति को जलाया और लोगों के घरों को लूटा? मुझे नहीं लगता। हत्या की लत खतरनाक होती है। यदि नई सरकार उनके अनुकूल नहीं हुई तो वे उसे भी मारने चले जाएंगे। सोमवार को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में हिंसा भड़की है। इस दौरान उग्र भीड़ ने बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की मूर्ति तोड़ दी थी। अब रवींद्रनाथ टैगोर की मूर्ति तोड़े जाने का मामला भी सामने आया है।

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