निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों का ऐलान करने के साथ ही सियासी पारा भी चढ़ गया है। भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी-आप सहित क्षेत्रीय दल चुनावी मैदान में पूरा पसीना बहा रहे हैं। 68 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में ‘मिशन दोबारा’ लॉंच (BJP Mission Dobara) कर दिया है।इसके तहत उत्तराखंड, और उत्तर प्रदेश की तरह ही भाजपा एक बार फिर हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाने पर फोकस कर रही है। तो दूसरी ओर, कांग्रेस भी पीछे नहीं है। सत्ता पर दोबारा काबिज होने के लिए कांग्रेस पार्टी ने भी अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। दोनों ही पार्टियों के स्टार प्रचारक जनसभाओं को संबोधित कर अपने पक्ष में वोट मांगते दिखाई दे रहे हैं।

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राजनैतिक सूत्रों की बात मानें तो भाजपा, कांग्रेस के साथ ही आप के भी चुनावी मैदान में कूदने से कुछ विधानसभा सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की पूरी उम्मीद है। हिमाचल प्रदेश में पिछले तीन दशकों से भाजपा- कांग्रेस की बारी-बारी सरकार का मिथक चलता आ रहा है। वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में 1993-1998  तक कांग्रेस की सरकार थी तो 1998-2003 तक भाजपा के प्रेम कुमार धूमल ने हिमाचल प्रदेश में सरकार बनाई। कांग्रेस ने वापसी करते हुए  2003-2007 तक वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में पुन: सरकार बनाई, तो अगले ही विधानसभा चुनाव 2007-2012 में भाजपा के हाथ सत्ता की कुर्सी लगी।

BJP Mission Dobara – जबकि, 2012-2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने फिर बाजी मारते हुए वीरभद्र सिंह को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया। पिछले विधानसभा चुनाव, 2017 में भाजपा ने मिथक को जारी रखते हुए चुनाव जीत लिया था और जयराम ठाकुर को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया था। 2022 के चुनाव में देखना यह दिलचस्प होगा कि भाजपा या कांग्रेस मिथक तोड़ पाने में सफल होती है की नहीं?

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हिमाचल प्रदेश की कई विधानसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलती आ रही है। जबकि, कुछ सीटों में भाजपा तो कुछ सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी का ही दबदबा बना रहता है। पिछले दो दशकों से लाख कोशिश करने के बाद भी भाजपा प्रत्याशी जीत दर्ज करने में नाकाम साबित हो रहे हैं।ऐसे में भाजपा ने एक बार फिर डबल इंजन का दांव खेलकर प्रत्याशियों के जीत के लिए पूरा जोर लगा रही है। बैजनाथ सीट पर 11 में से 9 बार कांग्रेस ने बाजी मारी है। तो दूसरी ओर, कसौली विधानसभा सीट में भाजपा ने लगातार तीन चुनाव जीते हैं।

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