Bill against Forced Conversion: उत्तर प्रदेश सरकार ‘उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 को अब विधान मंडल से विधेयक के रूप में पास कराएगी। इसके तहत जबरन धर्मांतरण कराने वाले को अलग-अलग श्रेणी में एक साल से 10 साल तक सजा हो सकती है। धर्मांतरण कराने वाले को पांच लाख रुपये तक जुर्माना पीड़ित पक्ष को देना होगा। मंगलवार को कैबिनेट ने उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 के मसौदे को मंजूरी दे दी। गत वर्ष सरकार ने इसे अध्यादेश के रूप में लागू किया था। उस वक्त विधानमंडल सत्र आहुत नहीं था। चूंकि किसी अध्यादेश को छह माह में विधानमंडल की मंजूरी दिलाना जरूरी है। इसलिए इसे विधानसभा व विधान परिषद से विधेयक के रूप में पास कराया जाएगा। राज्यपाल की मंजूरी बाद इसे लागू कर दिया जाएगा।

Bill against Forced Conversion: इसमें कोर्ट को शक्ति दी गई है कि वह पीड़ति को क्षतिपूर्ति के तहत पांच लाख रुपये तक का हर्जाना देने का भी आदेश कर सकता है। एक से अधिक बार धर्मांतरण से जुड़ा अपराध करने पर दोगुनी सजा मिलेगी। इसमें यह भी प्रावधान है कि जो अपनी इच्छा से धर्म परिवर्तन करना चाहता है उसे साठ दिन पहले डीएम या उनके द्वारा अधिकत किये गए एडीएम के यहां आवेदन करना पड़ेगा। अगर कोई दबाव बनाकर, लालच देकर या अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके जिला प्रशासन को गलत सूचना देकर धर्म परिवर्तन करवा रहा होगा तो यह अवैध और शून्य हो जाएगा। धर्म परिवर्तन के लिए परामर्श देने वाले, मदद करने वाले और अपराध के लिए दुष्प्रेरित करने वालों को भी इसमें आरोपित बनाया जाएगा।

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सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया तो कड़ी कार्रवाई

उत्तर प्रदेश सरकार यूपी लोक एवं निजी संपत्ति विरूपण निवारण विधेयक 2021 को विधानमंडल के बजट सत्र में पास कराएगी। इससे संबंधित मसौदे को मंगलवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मजूरी दे दी गई। इसके जरिए सार्वजनिक व निजी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले असमाजिक तत्वों व उपद्रवियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई होगी। नुकसान से प्रभावित पक्ष को भरपाई के लिए दावा अधिकरण गठन किया गया है। नुकसान के कारण वसूली उपद्रवियों से ही होगी।

पांच पन्नों से अधिक की खतौनी पर एक रुपये अतिरिक्त

Bill against Forced Conversion: राज्य सरकार ने स्वामित्व योजना और भू-अभिलेखों के डिजिटलीकरण करने के रास्ता में बजट को लेकर आने वाली बाधा दूर कर दी है। प्रयोक्ता प्रभार के मद में मिलने वाले पैसों को अब इन कामों पर भी खर्च किया जा सकेगा। प्रयोक्ता प्रभार मद में अधिक पैसा आए इसके लिए पांच पन्नों से अधिक की खतौनी पर एक रुपये अतिरिक्त पेज लेने का फैसला किया गया है नियमावली संशोधन के बाद आवेदन पत्र के साथ 15 रुपये के प्रयोक्ता प्रभार और पांच पृष्ठों से अधिक की खतौनी पर प्रति पृष्ठ एक रुपये अतिरिक्त देना होगा।

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