इस समय देश में भारत निर्वाचन आयोग की ओर से SIR की प्रक्रिया चल रही है. इसकी प्रक्रिया पूरी करने की आखिरी तारीख दो हफ्ते आगे बढ़ा दी गई है. पहले प्रक्रिया को पूरा करने की आखिरी तारीख 11 दिसंबर थी. इस SIR प्रक्रिया में 2003 की वोटर लिस्ट को आधार बनाया गया है यानी की 2003 की वोटर लिस्ट में (big administrative lapse) जिन लोगों का नाम शामिल होगा. उन लोगों का आसानी से SIR कराया जा सकता है.

इसी बीच उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में SIR की प्रक्रिया में एक बड़ी खामी देखने को मिली, जहां एक परिवार ने समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष के माध्यम से निर्वाचन अधिकारी से शिकायत की कि 2003 की वोटर लिस्ट में उनके परिवार का पूरा नाम है और उन्हें SIR का फॉर्म भी मिला हुआ है, लेकिन मैपिंग की जगह पर किसी और का नाम आ रहा है.

दरअसल, गाजीपुर जिले के निर्वाचन कार्यालय में शनिवार को समाजवादी पार्टी SIR प्रक्रिया से जुड़ी एक बड़ी गड़बड़ी को लेकर पहुंची, जिसमें बूथ नंबर 208 जो अरमान अली का परिवार है और वह बूथ लेवल एजेंट (BLAभी हैं. उनके परिवार में करीब 25 मुस्लिम सदस्य हैं और सभी लोग कई सालों से रहते आ रहे हैं. 2003 की वोटर लिस्ट में भी इन सभी लोगों का नाम है और इन सभी लोगों को BLO की तरफ से SIR प्रपत्र भी मिला हुआ था.  

big administrative lapse – लेकिन BLO ने उन सभी फॉर्म की जब मैपिंग करना शुरू की, तब पता चला कि प्रपत्र पर इन लोगों का नाम है, लेकिन मैपिंग में उन लोगों का नाम नहीं शो कर रहा है. इसमें गैर-मुस्लिमों का नाम शो कर रहा है. इसके बाद से ही पूरा परिवार परेशान है. इस संबंध में अपर निर्वाचन अधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि कहीं-कहीं रेयर केस में इस तरह के मामला सामने आते हैं. ऐसे मतदाताओं को एडिट करने का ऑप्शन होता है, जिसे सही कर लिया जाता है.  

Share.
Exit mobile version