लोकगायिका मैथिली ठाकुर की बीजेपी नेताओं से मुलाकात से उनकी राजनीति में एंट्री की अटकलें तेज हो गई हैं. खुद मैथिली ठाकुर ने अपने गांव से विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई हैं. हालांकि (bet on M3 factor) मैथिली ठाकुर की राजनीति में प्रवेश अकस्मात नहीं है, उनकी राजनीति में एंट्री के पीछे महिला वोटबैंक, मिथिला कनेक्शन और म्यूजिक ये तीन फैक्टर काम कर रहे हैं. भोजपुरी एक्टर और गायक पवन सिंह से हताश बीजेपी ने बिहार विधानसभा चुनाव में मैथिली ठाकुर के जरिए इन्हीं फैक्टर्स को हथियार बनाने का फैसला किया है.

bet on M3 factor – हाल में मैथिली ठाकुर की बीजेपी के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े एवं केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय से मुलाकात से उनकी राजनीति में एंट्री को हवा मिली है और यह कयास लगाए जा रहे हैं कि बेनीपट्टी विधानसभा सीट से मैथिली ठाकुर को टिकट दिया जा सकता है.

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मिथिला की रहने वाली मैथिली ठाकुर बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड में भी पूरी तरह से फिट बैठती हैं. माता सीता का मिथिलांचल से कनेक्शन रहा है और हाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मां सीता के पनौराधाम मंदिर के पुनरुद्धार की योजना का शिलान्यास किया था और मैथिली ठाकुर भी मिथिला की ही बेटी हैं. उनके जरिए बीजेपी की नजर ब्राह्मण वोटबैंक पर है.

 बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी भावनात्मक जुड़ाव और सांस्कृतिक विरासत को मुद्दा बनाते रही है और लोकगायिका के रूप में उनकी लोकप्रियता उन्हें इस पैमाने पर भी खरा उतारता है. मैथिली ठाकुर अपनी लोकगायकी की वजह से बिहार की ग्रामीण और महिलाओं में काफी लोकप्रिय हैं. बीजेपी का मानना है कि लोकसंस्कृति से जुड़ी पहचान और उनकी साफ-सुथरी छवि महिला मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करेगी.

 

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