Assam : पूर्वोत्तर भारत का प्रवेश द्वार कहे जाने वाले असम में सत्तारूढ़ भाजपा की सर्वानंद सोनोवाल के लिए सत्ता वापसी आसान नहीं है. सीएए-एनआरसी का मुछ Assam चुनावों में सरगर्म रहेगा लेकिन उससे बड़ी बात यह है कि भाजपा के पुराने सहयोगी दल भी उसका साथ छोड़ चुके हैं तो दूसरे सहयोगियों का आधार भी दरक गया है. 126 सदस्यीय विधानसभा सीटों वाले Assam में भाजपा नेतृत्व वाले राजग ने असम गण परिषद एजीपी और बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) के साथ वर्ष 2016 के चुनावों में 86 सीटें जीती थीं लेकिन बीपीएफ ने भाजपा से पल्ला झाड़ कांग्रेस के ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) ‘महाजथ’ (गठबंधन) का दामन थाम लिया है. भाजपा गठबंधन को एक और बड़ी चोट असम जाति परिषद (एजीपी) और रिजल्ट दल की तरफ से मिल रहा है क्योंकि ये दोनों क्षेत्रीय ताकतें असम गण परिषद के आधार को तोड़कर निकली हैं।
भाजपा का मिशन 100+ कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को लेकर भले ही विवाद हो लेकिन कांग्रेस एआईयूडीएफ के साथ बोडोलैंड, सीपीआई, सीपीएम, सीपीआईएमएल सहित 6 दलों का गठबंधन भाजपा को चुनावों में कड़ी चुनौती देगा. असम में भाजपा ने अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर मिशन 100+’ का लक्ष्य रखा है लेकिन मौलाना बदरुद्दीन अजमल की अध्यक्षता वाले एआईयूडीएफ और बोडोलैंड फ्रंट के महाजथ ने भाजपा के हाथों से तोते उड़ा दिए हैं. वर्ष 2016 के चुनावों में भाजपा 84 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 29.5 प्रतिशत वोट मिले थे. कांग्रेस ने 122 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 21 प्रतिशत मतों के साथ 26 सीटें जीती थीं।
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मंगलदोई सीट पर बीजेपी जीत के लिए आश्वस्तमंगलदोई विधानसभा सीट असम में मंगलदोई लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है . यहां कुल रजिस्टर मतदाताओं की संख्या 2,00,301 है. इसमें 97,029 महिला और 1,03,272 पुरुष हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में यहां 88.61 प्रतिशत मतदान हुआ था जबकि साल 2011 में यहां 77.25 प्रतिशत मतदान हुआ था. आधिकारिक वेबसाइट से पता चलता है कि यहां अभी तक कोई भी रजिस्टर मतदाता नहीं है. इस विधानसभा क्षेत्र में 220 मतदान केंद्र हैं. पिछले विधानसभा चुनावों में यहां 11 अप्रैल 2016 को मतदान हुआ था. 2016 विधानसभा चुनाव में यहां से बीजेपी ने चुनाव जीता था. बीजेपी से यह सीट गुरुज्योति दास ने जीती थी. उन्होंने यहां से कांग्रेस के बसंत दास को हराया था. और ज्योति दास को यहां से 73,423 वोट मिले थे. वहीं बसंत दास को 51,387 वोट मिले थे. हालांकि 2011 में बसंत दास ने यहां से जीत दर्ज की थी. इन्हें यहां से 65,440 वोट मिले थे. Assam में चुनाव इस बार दिलचस्प होने वाले हैं क्योंकि कांग्रेस यहां सीएए एनआरसी के मुद्दे को भुनाना चाहती है।
कांग्रेस हमेशा ही लेट – बिस्वाअसम में विधानसभा चुनाव की तारीख का ऐलान किया जा चुका है. चुनाव की तारीख की घोषणा के बाद से ही राज्य में चुनावी रैलियों का सिलसिला भी शुरू हो गया है. इसी कड़ी में कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने तेजपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित किया. इस चुनावी जनसभा के संबोधन के लिए प्रियंका देर से रैली ग्राउंड में पहुंची थीं. इस दौरान वह मंच के लिए भागती हुईं भी नजर आई . प्रियंका के रैली में देर से पहुंचने को लेकर Assam के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस महासचिव पर हमला बोला. पूर्वोत्तर में बीजेपी के टॉप लेफ्टिनेंट हिमंत ने प्रियंका के चुनावी रैली में देर से पहुंचने का एक वीडियो शेयर किया. इसमें वह संबोधन के लिए भागती दिखाई दे रही हैं. उन्होंने लिखा, ‘इसमे कोई नई बात नहीं है. जब बात असम की आती है तो कांग्रेस हमेशा ही लेट हो जाती है।
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