नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ. अनिल कुमार ने कहा (Anil Kumar On Kejriwal) कि दिल्ली जल बोर्ड में बिल कलेक्शन में हुए करोड़ो रुपये के घोटाले की जानकारी 2019 में मिलने के बावजूद दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल द्वारा बिल कलेक्शन कम्पनी के अनुबंध को आगे बढ़ाना का मतलब सब कुछ अरविंद केजरीवाल की देखरेख में हो रहा है। प्रदेश अध्यक्ष के मांग कि एन्टी करप्शन ब्यूरो दिल्ली जल बोर्ड घोटाले में अरविंद केजरीवाल का सीधे रुप से शामिल होने के कारण उनके खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करे और जल बोर्ड के खातों को सील करके जांच होनी चाहिए।
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चौ. अनिल कुमार ने कहा कि 2019 में उजागर हुए दिल्ली जल बोर्ड में बिल कलेक्शन के लिए हुए करोड़ो के घोटाले पर 2022 में मामला सामने आने पर उपराज्यपाल ने एफ.आई.आर. करके जांच के आदेश दिए, जिसके तहत कल एन्टी करप्शन ब्यूरो ने बिल उगाही करने वाली तीन कम्पनियों के मालिकों को 20 करोड़ के घोटाले के अंतर्गत गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड ने अपने कार्यालयां में ऑटोमेटिक बिल मशीन लगाने का काम कॉर्पोरेशन बैंक की दिया जिसको बैंक ने दो कम्पनियों को दे दिया। 10 अक्टूबर, 2019 तक इनका बिल कलेक्शन का कांट्रेक्ट था परंतु
अररुम ई पेमेंट कम्पनी मार्च 2021 तक बिल कलैक्ट करती रही, जिसकी जांच दिल्ली जल बोर्ड विजिलेंस डिपार्टमेंट ने की और पाया कि 20 करोड़ का घोटाला हुआ है।
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Anil Kumar On Kejriwal – उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन काल में दिल्ली जल बोर्ड 9000 करोड़ लाभ में था लेकिन केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार ने दिल्ली जल बोर्ड को 57000 करोड़ घाटे में पहुचा दिया।चौ. अनिल कुमार ने कहा कि कांग्रेस के शासन काल में दिल्ली जल बोर्ड लाभ कमाने वाली संस्था थी, जबकि 2014 में आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की निष्क्रियता के कारण दिल्ली जल बोर्ड का घाटा लगातार बढ़ रहा है। उन्हांने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड में जमा हुई राशि और कम्पनियों द्वारा कलेक्ट की गई राशि में भारी अंतर होने के कारण ए.सी.बी. ने एफ.आई.आर. दर्ज करके गिरफ्तारी की गई। उन्होंने मांग की कि मामले की पूरी तरह से जांच करके दिल्ली बोर्ड के अधिकारियों, बैंक अधिकारियों की भूमिका भी घोटाले में सामने आनी चाहिए।