एक बार फिर परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान और अमेरिका आमने-सामने आ गए हैं. जहां ईरान परमाणु ताकत हासिल करना चाहता है. इसी बीच एक बार फिर अमेरिका ने कह दिया है कि वो (fear of nuclear war) तेहरान को परमाणु हथियार रखने की अनुमति नहीं देगा.
एक व्हाइट हाउस अधिकारी ने सोमवार को ईरान इंटरनेशनल को इस बात की जानकारी दी. अमेरिका की तरफ से यह बयान ऐसे समय में आया जब ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई ने संकेत दिया कि वाशिंगटन के पास यह तय करने का कोई अधिकार नहीं है कि तेहरान अपनी परमाणु क्षमताओं के साथ क्या करता है.
व्हाइट हाउस अधिकारी ने खामेनेई के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, राष्ट्रपति ट्रंप हमेशा स्पष्ट रहे हैं: दुनिया के नंबर एक आतंकवाद प्रायोजक राज्य को कभी भी परमाणु हथियार रखने की अनुमति नहीं दी जा सकती.
खामेनेई के चुनौतीपूर्ण बयान के जवाब में, व्हाइट हाउस अधिकारी ने ईरान इंटरनेशनल को बताया, जैसा कि राष्ट्रपति ने कहा, ‘ईरान के लिए भी, जिसका शासन मध्य पूर्व में बहुत मौतों का कारण बना है, दोस्ती और सहयोग का हाथ हमेशा खुला है.’
अधिकारी ने ट्रंप के हालिया इजराइली संसद में भाषण का हवाला देते हुए कहा, इस क्षेत्र के लिए सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि ईरान के नेता आतंकवादियों का समर्थन छोड़ दें और इजराइल के अस्तित्व के अधिकार को मान्यता दें.
fear of nuclear war – सोमवार सुबह अपने बयान में 86 वर्षीय खामेनेई ने कहा कि अमेरिका किसी देश को यह तय करने का अधिकार नहीं रखता कि उसेक पास परमाणु उद्योग होना चाहिए या नहीं. उन्होंने कहा, ईरान के पास परमाणु सुविधाएं हैं या नहीं, इससे अमेरिका का क्या लेना-देना? ये हस्तक्षेप अनुचित, गलत और दबाव डालने वाले हैं.