लखनऊ के कठौता चौराहे पर बुधवार रात हुए गैंगवार में मऊ के मोहम्मदाबाद गोहना ब्लॉक के जेष्ठ उप प्रमुख अजित सिंह की हत्या करके भागे शूटरों की दोनों बाइक बृहस्पतिवार सुबह अवध बस अड्डे पर लावारिस खड़ी मिली। दोनों में चाबी लगी थी और एक पर खून के निशान थे।
आशंका है कि पुलिस चौकी के सामने हुई ताबड़तोड़ गोलीबारी में एक शूटर भी घायल हुआ है। वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अजीत को 25 गोलियां लगने की पुष्टि हुई है। प्रभारी निरीक्षक चंद्रशेखर सिंह के मुताबिक इनमें से 21 गोलियां आर पार हो गई और मौत का कारण सिर में गोली लगने और अधिक रक्तस्त्राव बताया गया है। पुलिस ने परिजनों को शव सौंप दिया है। वहीं वारदात के वक्त हिस्ट्रीशीटर अजीत के साथ मौजूद मोहर सिंह ने विधायक दीपू सिंह हत्याकांड के आरोपी ध्रुव सिंह उर्फ कुंटू सिंह, अखंड प्रताप सिंह, कन्हैया विश्वकर्मा उर्फ गिरधारी उर्फ डॉक्टर तथा तीन अज्ञात बदमाशों के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, षड्यंत्र का केस दर्ज कराया है। फॉरेंसिक टीम ने बस अड्डे पर मिली बाइक के खून से नमूने एकत्र किए हैं। दोनों बाइक पर फर्जी नंबर प्लेट लगी थी। इंजन व चेचिस नंबर से पता चला है कि एक बाइक लखनऊ दूसरी आजमगढ़ की है। बस अड्डे पर वारदात स्थल के अलावा कई स्थानों पर लगे सीसीटीवी कैमरे में 4 शूटरों की फोटो पुलिस के हाथ लगी है।
अजीत को गवाही से रोकने के लिए कुंटू सिंह ने डॉक्टर के हाथों मरवाया:
Ajeet Singh Mau: पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने बताया कि लोहिया अस्पताल में भर्ती मोहर सिंह ने विधायक हत्याकांड में अजीत की गवाही को लेकर कुंटू से चल रही रंजिश में हत्या की बात कही है। कुंटू गवाही नहीं देने के लिए अजीत को 2 साल से धमका रहा था। विधायक हत्याकांड की सुनवाई अंतिम चरण में है और अगले सप्ताह अजीत की गवाही होनी थी। इसलिए कुंटू ने अजीत की हत्या करा दी। मोहन ने यह भी बताया कि कुंटू व अखंड प्रताप आजमगढ़ जेल में बंद है। उन्होंने अपने शूटर गिरधारी उर्फ डॉक्टर तथा तीन अन्य बदमाशों की मदद से वारदात को अंजाम दिया है।
कुंटू और अखंड से होगी पूछताछ
पुलिस आयुक्त ने बताया कि विभूति खंड थाना के अलावा क्राइम ब्रांच सर्विलांस और डीसीपी पूर्वी की टीम की 5 टीमें वारदात के खुलासे के लिए लगाई गई हैं एसटीएफ अलग से छानबीन कर रही है पुलिस की दो टीमें आजमगढ़ और मऊ भेजी गई है। यह टीमें कुंटू और अखंड प्रताप से भी पूछताछ करेंगी।
Ajeet Singh Mau: प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मऊ के पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह की सनसनीखेज तरीके से हत्या के बाद एक लाख का इनामी बदमाश कन्हैया विश्वकर्मा उर्फ गिरधारी उस डॉक्टर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। दोनों हाथ से असलहे से फायरिंग में माहिर शार्प शूटर गिरधारी को लेकर
जरायम जगत की जानकारी रखने वालों को यही कहना है कि यदि सफेदपोश संरक्षण ना देते तो है। आज बनारस से लेकर लखनऊ तक कानून व्यवस्था के लिए चुनौती नहीं बनता। पूर्वांचल से एक बाहुबली पूर्व सांसद की सरपरस्ती में सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने के लिए कुख्यात चोलापुर थाने में हिस्ट्रीशीटर गिरधारी का नाम वाराणसी में पहली बार वर्ष 2001 में जेतपुरा क्षेत्र में लूट के मामले में सामने आया था। इसके बाद चोलापुर थाना अंतर्गत लखनपुर निवासी गिरधारी का नाम वाराणसी जौनपुर मऊ और आजमगढ़ में हत्या और अन्य गंभीर आपराधिक आरोपों के मामले में लगातार सामने आता रहा।
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विधायक हत्याकांड के दूसरे गवाह के सुरक्षा हुई पुख्ता
विधायक सर्वेश सिंह की हत्या के दूसरे गवाह बबलू सिंह की सुरक्षा और पुख्ता कर दी गई है बबलू लखनऊ में रहता है और विभूति खंड इलाके में एक जिम चलाता है उसे सरकारी गनर मिला है।