नई दिल्ली : हरित क्रांति के जनक मशहूर वैज्ञानिक डॉक्टर एम. एस. स्वामीनाथन का 98 वर्ष की आयु में गुरुवार को चेन्नई के एक अस्पताल में निधन हो गया। (Agricultural Scientist) स्वामीनाथन लंबे समय से बीमार चल रहे थे।वह लगातार डॉक्टरों की निगरानी में थे लेकिन आज उनकी तबीयत अचानक बिगड़ी और सुबह 11.20 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका जन्म 07 अगस्त, 1925 को कुंभकोणम, मद्रास प्रेसीडेंसी में हुआ था।

इसे भी पढ़ें – मेरे नाम से कोई घर नहीं, देश की बहनों के नाम से घर बनवा दिए : नरेन्द्र मोदी

उल्लेखनीय है कि हरित क्रांति के बाद ही भारत अनाज के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो पाया था। यह पहल एम.एस स्वामीनाथन के नेतृत्व में शुरु हुई थी। स्वामीनाथन का मानना था कि भारत की बहुत बड़ी आबादी कृषि पर निर्भर है, इस लिए सजग रहने की बहुत जरूरत है। वह अपने उद्बोधनों में हमेशा कहा करते थे कि भारत में कृषि से होने वाली आय छोटे किसानों के लिए पर्याप्त नहीं है। वह हमेशा खेती में प्रयोग और तकनीकी को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित करते रहे।स्वामीनाथन को विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में भारत सरकार ने वर्ष 1972 में पद्मभूषण से नवाजा था। उन्हें कृषि के क्षेत्र में कई अन्य अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुके हैं।

इसे भी पढ़ें – पूर्व विधान पार्षद रणवीर नंदन ने जदयू से दिया इस्तीफा, पार्टी ने किया निष्कासित

Agricultural Scientist – कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन के निधन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुख जताया है। प्रधानमंत्री ने एक्स हैंडल पर एम एस स्वामीनाथन के साथ दो तस्वीरें साझा करते हुए कहा कि डॉ. एमएस स्वामीनाथन जी के निधन से गहरा दुख हुआ। हमारे देश के इतिहास के एक बहुत ही महत्वपूर्ण समय में, कृषि में उनके अभूतपूर्व कार्य ने लाखों लोगों के जीवन को बदल दिया और हमारे देश के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की।

Share.
Exit mobile version