उत्तराखंड में मसूरी के स्कूल में एक बच्चे के डूबने का मामला गहराने लगा है. इस घटना पर बाल आयोग ने संज्ञान लेते हुए देहरादून के डीएम, एसएसपी सीएमओ और शिक्षा अधिकारी से जवाब (accident in Mussoorie) तलब की है. पूछा है कि 15 मार्च को छुट्टी के बावजूद यह स्कूल कैसे खुला था. खुला भी था तो स्वीमिंग पूल में लाइफ गार्ड और सुरक्षा इंतजाम क्यों नहीं थे. घटना मसूरी के वाइनबर्ग एलन स्कूल में 15 मार्च को पर्वतीय होली के दिन का है. बाल आयोग के तेवर को देखते हुए डीएम एसएसपी ने अपने स्तर पर मामले की जांच शुरू कर दी है.
accident in Mussoorie – जानकारी के मुताबिक छुट्टी के बावजूद 15 मार्च को स्कूल खुला हुआ था. इस दौरान कुछ बच्चे स्वीमिंग पूल में नहा भी रहे थे. बताया जा रहा है कि उस समय स्वीमिंग पूल के पास ना तो लाइफ गार्ड की तैनाती थी, और ना ही कोई अन्य सुरक्षा इंतजाम थे. ऐसे में स्कूल का छात्र जब अचानक गहरे पानी में चला गया तो उसे समय रहते मदद नहीं मिल पायी. इसके चलते डूबने से उसकी मौत हो गई थी.मामले पर संज्ञान लेते हुए बाल आयोग की चेयरपर्सन डॉ. गीता खन्ना ने देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व में एक स्पेशल मेडिकल टीम गठित करने के निर्देश दिए हैं.
होली के दिन क्यों खुला था स्कूल?
ये टीम स्कूल में जाकर बच्चे के डूबने की वजह पता करेगी. इस दौरान यह टीम पता करने की कोशिश करेगी कि स्वीमिंग पूल के पास कोई सुरक्षा कर्मी, लाइफ गार्ड् आदि की तैनाती थी कि नहीं. इसके अलावा वहां उपलब्ध प्राथमिक उपचार और अन्य राहत सामग्रियों की भी जांच करेगी. जानकारी के मुताबिक बाल आयोग ने डीएम एसएसपी को जारी निर्देश में पूछा है कि 15 तारीख को पर्वतीय होली थी. इसलिए सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया था. बावजूद इसके स्कूल क्यों खुला था?
पहले भी हो चुकी हैं इस तरह की घटनाएं
उत्तराखंड के स्कूलों में बच्चों के डूबने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले हल्द्वानी के एक स्कूल में एक छात्र की डूबने से मौत हो गई थी. यह घटना पिछले साल की है. इसमें स्कूल से भेजे एक टूर के दौरान बरेली के वाटर पार्क में एक छात्र की डूबने से मौत हो गई थी. उस घटना के बाद ही बाल आयोग ने शिक्षा और पर्यटन विभाग को सभी एडवेंचर स्पोर्ट्स पार्क और स्कूलों में कम से कम 30 फीसदी कर्मचारियों को सीपीआर का प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए थे.