विधान सभा चुनाव में आम आदमी पार्टी  (AAP) ने अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में अपने दिल्ली मॉडल को उदाहरण बनाकर पंजाब को फतह कर लिया । ‘आप’ ने अच्छे स्कूल, शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार को मुद्दा बनाया।तथा दिल्ली की तरह ही पंजाब में भी बिजली मुफ्त देने की घोषणा के आलावा नशा मुक्त पंजाब और किसानों से आम आदमी पार्टी का जुड़ना भी चुनाव में जीत का बड़ा कारण बना।

इसे भी पढ़ें – मणिपुर में भाजपा को पहली बार बहुमत, राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनी

AAP – आम आदमी पार्टी ने पंजाब में शिक्षा के मुद्दे पर कांग्रेस सरकार को घेरा। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पंजाब के स्कूलों का दौरा किया। उन्होंने पंजाब सरकार को दिल्ली आकर यहां के स्कूल देखने का निमंत्रण दिया। ‘आप’ का कहना था कि स्कूल और शिक्षा के मुद्दों पर चुनाव लड़ा जाना चाहिए। जिस तरह हमने दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में काम किया है, वैसे ही पंजाब में काम होगा। ‘आप’ की यह अपील लोगों को लुभा गई।

इसे भी पढ़ें – विद्यार्थियों के लिए स्कूल हेल्थ क्लीनिक,शिक्षा के क्षेत्र में दिल्ली सरकार का बेहतर प्रयास

पार्टी ने पंजाब में अवैध खनन को भी बड़ा मुद्दा बनाया था। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के इलाके में ही अवैध खनन का वीडियो आम आदमी पार्टी ने जारी किया था। पंजाब के प्रभारी राघव चड्ढा ने खुद अवैध खनन के इलाकों का दौरा किया। राघव ने इस मुद्दे को जगह-जगह उठाया। ‘आप’ का आरोप था कि पंजाब में अवैध खनन का सिंडीकेट है। पूरे चुनाव के दौरान यह मुद्दा बना रहा।

आम आदमी पार्टी केनेताओं ने बताया कि उन्होंने दिल्ली में भ्रष्टाचार को रोककर आम लोगों के विकास में पैसा लगाया है। पंजाब में भी वे ऐसा ही करेंगे। उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर पंजाब में चुनाव लड़ रही सभी पार्टियों पर निशाना साधा।

इसे भी पढ़ें – Delhi MCD Elections 2022: नगर निगम चुनाव के लिए दिल्ली भाजपा तैयार, चुनाव कमेटियों का गठन शुरू

पार्ट  यह अच्छी तरह जानती थी कि किसान आंदोलन पंजाब में नाक का सवाल है, इसलिए पार्टी शुरू से किसानों के साथ खड़ी नजर आई। आम आदमी पार्टी ने तीन कृषि कानूनों का विरोध किया। बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों के लिए भी दिल्ली सरकार ने व्यवस्था की थी।

Share.
Exit mobile version