राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले प्रसिद्ध संत व पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह मध्य प्रदेश के रीवा जिले के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में निधन हो गया. वे 75 साल के थे. रविवार (fought for Ram temple) को स्वास्थ्य खराब होने के चलते उन्हें रीवा के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें एयर लिफ्ट कर भोपाल शिफ्ट करना था, लेकिन मौसम खराब होने के चलते उन्हें शिफ्ट नहीं किया जा सका और उनका निधन हो गया.
महज 2 साल की उम्र में हो गया था मां का निधन
राम मंदिर आंदोलन के शुरुआती दौर से सक्रिय रूप से जुड़े रहे डॉ. रामविलास वेदांती का जन्म 7 अक्टूबर 1958 को हुआ था. महज दो साल की उम्र में उनकी माता का निधन हो गया था. 12 साल की उम्र में वह अयोध्या पहुंचे और फिर अध्यात्म की दुनिया की तरफ अपने कदम बढ़ा दिए.
राम मंदिर आंदोलन में निभाई अहम भूमिका
1990 में जब अयोध्या का राम मंदिर आंदोलन पूरे देश में अपने चरम पर था तो देशभर से साधु-संत आंदोलन में भाग लेने के लिए अयोध्या पहुंच रहे थे. इन्हीं साधु-संतों में एक प्रमुख चेहरा डॉ. रामविलास दास वेदांती का था. यह भी कहा जाता है कि जब 1992 में अयोध्या में विवादित ढांचे को गिराने के लिए कारसेवक इकट्ठा हुए थे, उस दौरान डॉ. रामविलास वेदांती मंच से कारसेवकों को संबोधित कर रहे थे. अपने भाषण से उन्होंने कारसेवकों में जोश भरा था.
फायर ब्रांड नेता के रूप में रही पहचान
उन्होंने राम मंदिर आंदोलन को धार देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. हिंदूवादी नेता और फायर ब्रांड नेता के रूप में भी उनकी एक अलग पहचान थी. डॉ. रामविलास वेदांती ने कई बार सार्वजनिक मंचों और मीडिया से बातचीत में साफ कहा था कि जब तक विवादित ढांचे को हटाया नहीं जाता, तब तक भव्य राम मंदिर का निर्माण संभव नहीं था. डॉ. रामविलास वेदांती का कहना था कि अशोक सिंघल, महंत अवैद्यनाथ और रामचंद्र परमहंस जैसे संतों ने जिस राम मंदिर का सपना देखा था, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साकार करके दिखाया.
2 बार सांसद रहे रामविलास वेदांती
डॉ. रामविलास वेदांती ने संसद तक भी सफर तय किया. 1996 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने जौनपुर जिले की मछलीशहर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और विजयी हुए. फिर वर्ष 1998 में प्रतापगढ़ लोकसभा सीट से फिर चुनाव लड़ा. इस बार यहां की जनता ने उन्हें प्रचंड समर्थन दिया.
रीवा के हॉस्पिटल में हुआ रामविलास वेदांती का निधन
दरअसल, डॉ. रामविलास वेदांती मध्य प्रदेश के रीवा जिले लालगांव के पास भठवा गांव में कथा सुना रहे थे. कथा 17 दिसंबर तक चलनी थी. भठवा में शनिवार रात सीने में दर्द और घबराहट की वजह से उपचार के लिए रीवा (fought for Ram temple) के सुपर स्पेशलिटी में भर्ती कराया गया. रविवार को इलाज के दौरान डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ला भी उनका हाल जानने हॉस्पिटल पहुंचे थे.


