आज से ठीक 24 दिनों के बाद विश्व उस पावन पल का साक्षी बनेगा। जिस राम मंदिर का इतंजार करते हुए कई पीढ़ियां इस दुनिया से चली गई। पिछले 500 सालों में न जाने कितने राम भक्तों ने अपने इष्ट के लिए बलिदान दे दिया। न जाने कितने राम भक्तों ने अपने आराध्य को वर्षों टेंट में रहते देख पीड़ा और असहाय होने का अनुभव किया। लेकिन अंतत: हुआ वही जो राम रचि राखा।
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आज से 40 पहले लिया था प्रण
कठोर संघर्ष और लंबे इतंजार के बाद 22 जनवरी 2024 को रामलला भव्य मंदिर में पूरे भव्यता के साथ पधारेंगे। करोड़ों सनातन संस्कृति में विश्वास रखने वाले लोगों के लिए यह अविस्मरणीय समय होगा। लेकिन उत्तर प्रदेश के जमुनियाबाग के रहने वाले संतोष दुबे के लिए यह पल दोहरी खुशी लेकर आएगा। क्योंकि आज से 40 साल पहले जो उन्होंने प्रण किया था, वो 22 जनवरी को पूरा हो जाएगा।
तो कहानी की शुरुवात 30 जनवरी 1984 से शुरु होती है। इस वक्त विश्व हिंदु परिषद की ओर से सरयू तट पर संकल्प सभा का आयोजन किया गया। इसी समय संतोष दुबे राम मंदिर आंदोलन से जुड़े और उन्होंने संकल्प लिया कि जब तक राम मंदिर का निर्माण नहीं होगा, तब तक वो अपना घर नहीं बनवाएंगे।
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अब तक रहते 100 साल पुराने घर में
इस संकल्प के बाद वो अलग-अलग आंदोलनों से जुड़े रहे। साथ ही समय के साथ आर्थिक रुप से भी मजबूत होते गए। गाड़ी ली और साथ ही अन्य संसाधनों को भी पूरा किया, लेकिन नया घर नहीं बनवाया। करीब 100 साल पुराने घर में वो अबतक रहते रहें। संतोष दुबे ने राम मंदिर आंदोलन में हमेशा बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। 2 नवंबर 1990 में कार सेवा के दौरान उन्हें चार गोलियां लगीं।
6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद का गुंबद तोड़ते समय वह नीचे गिरे और शरीर में 17 फ्रैक्चर हो गए। कई महीनों के इलाज के बाद वह स्वस्थ हुए और फिर रामकाज में जुट गए। इस पूरे प्रकरण पर संतोष दुबे का कहना है कि 30 जनवरी 1984 को भगवान श्रीराम का मंदिर बनने तक उन्हें अपना मुंह न दिखाने का कारसेवकों के साथ संकल्प लिया था।
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राम मंदिर के लिए घर से निकलेंगे नंगे पांव
अब वे अपने आराध्य को मुंह दिखाने लायक हो गए हैं। 30 जनवरी को जीवित बचे कारसेवकों के साथ नंगे पांव घर से निकलेंगे और रामकोट की परिक्रमा करके श्रीराम लला के दर्शन करेंगे। संतोष दुबे ने कहा कि प्रभु श्रीराम को उनके मकान में देखना ही मेरे जीवन का उद्देश्य रहा। 40 वर्ष के इंतजार के बाद सपना साकार हो रहा है। आराध्य को उनका घर मिल रहा है। मंदिर तैयार होने के बाद हम अपना भी आशियाना बनाएंगे।
संतोष के जैसे ना जाने कितने राम भक्तों ने अलग-अलग प्रकार का संकल्प लिया होगा। जो 22 जनवरी को पूरा हो जाएगा। हालांकि, राम मंदिर के भव्य उद्घाटन की तैयारी जोरो से चल रही है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों रामलला को नवनिर्मित मंदिर में विराजित किया जाएगा। इसके लिए देश और दुनिया से हजारों लोगों को न्योता भेजा गया है।