एक तरफ महामारी का कहर और दूसरी तरफ हिन्दू विरोधी दंगो में मारे गए ऑफिसर्स और अन्य लोग जिन्दे AAP सरकार ने किया था मुआवजा और सरकारी नौकरी देने का वादा, जिसे अभी तक पूरा नहीं किया गया था | पीड़ित परिवार की अब नहीं रही कोई खबर | AAP सरकार अब सवालो के घेरे पर? आखिर क्यों नहीं अब तक अपना वादा ……?

घोषणा के बावजूद मुआवजा नहीं मिला

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने हिन्दू-विरोधी दंगों में मारे गए अंकित शर्मा के परिवार को 1 करोड़ का मुआवजा देने का वादा किया था पर परिवार का दावा है कि दिल्ली सरकार ने अभी तक इसे पूरा नहीं किया है।

दिल्ली के हिंसक प्रदर्शन

जनवरी 2020 में भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य में सीएए कानून और राष्ट्रीय रजिस्टर बिल के खिलाफ़ प्रदर्शन शुरू हुआ था। जिसकी हवा धीरे-धीरे देश की राजधानी दिल्ली में आई, तब तक दिल्ली के उत्तर -पूर्वी इलाकों में हिंसक प्रदर्शन हुए। हालात इतने बिगड़ गए कि अरविन्द केजरीवाल को होम मिनिस्टर अमित शाह से बात करने के बाद दिल्ली के उन इलाकों में कर्फ्यू यानी धारा 144 लगाना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने हिंसक रूप तब लिया जब ट्रम्प 2 दिन के लिए भारत दौरे पर आए थे।

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अब दिल्ली पुलिस विशेष ब्रांच इस घटना को देख रही है और कई वीडियोस खंगाल रही है जिसमें पता चल रहा है कि ये दंगो की योजना पहले से बनाई गई थी। वीडियो देखकर पता चल रहा है कि उनका उद्देश्य था कि जब अमेरिकी प्रेजिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प भारत आए तो उनका रास्ता रोक कर प्रदर्शन हो ताकि उग्रवादियों की आवाज़ अंतर्राष्ट्रीय मंच तक पहुंचाई जा सके।

उनका कहना था कि ये अधिनियम मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है, उन्हें बेगर करने का बंदोबस्त किया जा रहा है।
इन दंगो में 100 लोग से भी ऊपर के लोग घायल हो गए और 50 से ऊपर लोगों की मौत हो गई। दहशत इतनी फैल गई थी कि कई इलाकों में स्कूल, कॉलेज और दफ्तर बंद करने पड़े थे।

प्रीत शर्मा की बेहरमी से हत्या

इसी तरह 24 फरवरी को इंटेलिजेंस ब्यूरो, ऑफिसरिट शर्मा की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई जब ये 23 फरवरी से घर नहीं लौटे और 26 फरवरी को उनकी लाशों को बाघ इलाके में बरामद किया गया, जो कि उनके घर से कुछ ही कदम की दूरी पर था। दूरी पर था। वे अपना काम करके लौट रहे थे, तब ही उग्रवादियों ने उन पर हमला कर दिया।

माना जा रहा है कि यह शर्मा को मारने से पहले उनके ऊपर काला कपड़ा डाला गया था। इसके बाद उन्हें खींचकर आम आदमी पार्टी नेता ताहिर हुसैन के घर की ओर ले जाया गया था। उनकी हत्या करने से पहले उनके कपड़े भी निकाल दिए गए थे।

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उनके शरीर पर घाव के कई निशान मिले थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टरों ने बताया है किit के शरीर पर चोटों के कुल 51 निशान पाए गए थे। इनमें से 18 चाकू से वार के थे। वहीं, शरीर के बाकी हिस्सों पर किसी भारी वस्तु से प्रहार करने के 33 निशान मिले थे। केजरीवाल सरकार ने 2 मार्च कोit शर्मा के परिवार को 1 करोड़ मुआवजे के तौर पर देने का वादा किया था।

हत्यारे जो गिरफ्तारी हुए

इनकी निर्मम हत्या के पीछे ताहिर हुसैन, निलंबित AAP मिनिस्टर का हाथ बताया जा रहा है। उनके घर की छत से पेट्रोल बम, बेताब की बोतल और पत्थर बरामद हुए थे। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। अंकित शर्मा की हत्या में फिरोज, जावेद, गुलफाम और शोएब जो टन बाघ इलाके के है और मुस्तफाबाद के अनस को गिरफ्तार किया गया है। इरशाद, आबिद और शाहदाब ताहिर हुसैन के साथ थे और उनके बहुत करीबी बताए जाते हैं।

ताहिर हुसैन पर फिलहाल यूएपीए के तहत कार्यवाही की जा रही है। उनकी गिरफ़्तारी के बाद उनमें हस्तक्षेप हो गया है। कांग्रेस नेता इशरत और उनके समर्थक खालिद सैफी को भी गिरफ़्तार कर लिया गया है। जामिया के मीरान हैदर और सफुरा ज़रगर को भी गिरफ्तार किया गया है। जेएनयू के छात्र रहे उमर खालिद व दो अन्य लोगो के ख़िलाफ़ भी मामला दर्ज किया गया है।

अंकित शर्मा की बेरहमी से हत्या के बाद जनाक्रोश को थोने के लिए 1 करोड़ मुआवजे की घोषणा करने वाले अरविन्द केजरीवाल से अब सवाल पूछे जा रहे हैं, क्योकित शर्मा के पिताश्री से पूछने के बाद मालधा हुआ है कि उन्हें अभी तक राशि नहीं मिली है। , वे अभी भी इंतजार कर रहे हैं। लोग केजरीवाल से पूछ रहे हैं कि ये देरी और चुप्पी क्यों है? LIVE Coronavirus Updates: हरियाणा में अब तक 248 मामलों की पुष्टि, 162 मरीज ठीक हुए

अभी तक दिल्ली सरकार ने पीड़ित परिवार को मुआवजा न मिलने का कोई स्पष्ट कारण भी नहीं दिया है। अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली हिंसा में मरने वाले कांस्टेबल रतन लाल के परिवार को भी 1 करोड़ का मुआवज़ा देने का और परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी भी देने का वादा किया था।

छवि स्रोत: – www.google.com

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