National Small Industries Day: Aditya L One made of spare parts will study Sun, Rohtak name will be bright

आईएमटी स्थित फैक्टरी में काम करता कर्मचारी
– फोटो : अमर उजाला


देश की अंतरिक्ष यात्रा के साथ रोहतक भी नया इतिहास लिख रहा है। चंद्रयान-3 में प्रयोग हुए रोहतक के कलपुर्जों (नट-बोल्ट) के जरिए चांद पर पहुंचे कदमों में हमारा भी एक कदम शामिल है। इस बड़ी सफलता के बाद अब इसरो ने गगनयान व आदित्य एल-वन की तैयारी की है। इनमें भी रोहतक के कलपुर्जे लगाए जा रहे हैं। इसके लिए इसरो को एरो फास्टनर्स ने दो करोड़ से ज्यादा कलपुर्जे भेजे हैं।

एक एमएम के मुख्य छोटे नट

औद्योगिक क्षेत्र खासकर नट-बोल्ट उत्पादन में रोहतक की पहचान अब चांद के बाद सूरज की ओर बढ़ने जा रही है। आदित्य एल-वन के जरिए सूरज का अध्ययन करने के लिए दो सितंबर को इसरो ने लांचिंग की तैयारी की है। इसके बाद इसरो गगनयान की भी लांचिंग की तैयारी करेगा, इसके लिए भी कलपुर्जे तैयार किए जा रहे हैं। ये दो नए प्रोजेक्ट देश ही नहीं, रोहतक के लिए भी बड़ी उपलब्धि साबित होंगे। इनमें एक एमएम छोटे नट मुख्य हैं।

सवा पांच साल एल-वन बिंदु पर रहेगा आदित्य

इसरो ने सूर्य के अध्ययन की तैयारी की है। इसे लेकर दो सितंबर को आदित्य एल-वन की लांचिंग की जाएगी। आदित्य धरती से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर स्थित एल-वन बिंदु पर रहकर सूर्य का अध्ययन करेगा। इस बिंदु पर सूर्य हमेशा नजर आता है। यहां आदित्य करीब सवा पांच साल रहेगा। इसके बाद अगले वर्ष गगनयान की लांचिंग होगी। यह चांद पर मानव भेजने से पहले का अभ्यास होगा। इसकी सफलता पर ही अगली बार मानव सहित यान चांद पर भेजा जा सकेगा।

एरो फास्टनर्स के एमडीय के अनुसार

चंद्रयान-3 के लिए कंपनी ने आधुनिक तकनीक के आधार पर तैयार कलपुर्जे (नट-बोल्ट) भेजे थे। आदित्य एल-वन रोहतक से भेजे कलपुर्जों से तैयार हुआ है। इसकी लांचिंग की तैयारी अंतिम चरण में है। वहीं गगनयान की लांचिंग की तैयारी के लिए भी कलपुर्जे भेजे जा रहे हैं। इसे लेकर काम तेजी से चल रहा है। -जसमेर लाठर, एमडीय, एरो फास्टनर्स, रोहतक।

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