राम मंदिर अयोध्या: शताब्दियों तक अक्षुण्ण रहे, इसको लेकर देश की 10 बड़ी तकनीकी संस्थाएं पिछले 8 मार्च मंथन करने में जुटी हुई हैं अब तक तीन बार राम जन्मभूमि परिसर के उस स्थान पर मिट्टी का परीक्षण किया जा चुका है.
जहां रामलला का भव्य मंदिर निर्माण होना है, तब तक तीसरी बार एनजीआरआई हैदराबाद के इंजीनियरों की टीम भूमि की क्षमता मापने में जुटी हुई है एनजीआरआई के इंजीनियर रडार तरंगों के माध्यम से भूमि की क्षमता की जांच करने में जुटे हुए हैं. राम मंदिर का निर्माण 2.7 एकड़ में होना है इसी एरिया में राम मंदिर की नींव के लिए खुदाई की जानी है राम मंदिर की नींव आज पत्थरों से बनाई जानी है क्योंकि करीब 70 फीट गहराई तक परिसर की मिट्टी बालू ही है और मिट्टी की पकड़ भी ढीली है इसलिए कंक्रीट के बजाय पत्थरों से नहीं तैयार करने का निर्णय लिया गया है लेकिन अभी तक राम मंदिर की मजबूत नींव का ड्राइंग तैयार नहीं हो सका है अब एनजीआरआई की टीम 70 मीटर गहराई तक रडार तरंगों के माध्यम से भूमि की छमता जांच करने में जुटी हुई है.
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शताब्दियों तक अक्षुण्ण का प्रयास चंपत राय
राम मंदिर अयोध्या: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि किसी मंदिर के निर्माण में देश के 10 बड़े संस्थाएं जुटी है तो उसकी मजबूती और लंबी आयु की गंभीरता का अंदाजा स्वयं लगाया जा सकता है राम मंदिर राष्ट्रीय महत्व की धरोहर है हम चाहते हैं कि यह शताब्दियों तक अक्षुण्ण रहे और संभव है कि 15 जनवरी से राम मंदिर की नींव की खुदाई का काम शुरू हो जाएगा.