कांग्रेस के चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष पूर्व सीएम हरीश रावत ने प्रदेश की 70 विधानसभा सीटों में रामनगर ही को क्यों चुना? मंगलवार को राजीव भवन में मीडिया कर्मियों से बातचीत में रावत ने इसका खुलासा किया। बकौल रावत, रामनगर मेरा गुरू स्थल है। यही रहकर पढ़ाई की और यही वो जगह है जहां मैंने राजनीति का क ख ग सीखा। रावत का कहना है कि अपने अपने तक जीवन के अनुभव, केंद्र और राज्य की सेवा करने से मिले ज्ञान का उपयोग रामनगर के विकास के लिए करना चाहता हूं।
इसीलिए यह सीट अपनी कर्मभूमि के रूप में चुनी। रामनगर गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के बीच का महत्वपूर्ण स्थल हैं। इसके विकास की क्षमताओं को समुचित उपयोग नहीं हो पाया है। मेरी कोशिश होगी रामनगर के प्रदेश के एक बड़े ग्रोथ सेंटर के रूप में विकसित किया जाए। मालूम हो कि रामनगर सीट को ही चुनने के पीछे रावत की किसी समय अपने अभिन्न राजनीतिक मित्र रहे रणजीत सिंह रावत को सियासी पटखनी की रणनीति को वजह माना जा रहा है।
पिछले पांच साल से रामनगर सीट से चुनाव की तैयारी कर रहे रणजीत से रावत ने अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए यह सीट झटक ली है। रामनगर के चयन और वहां पूर्व विधायक रणजीत सिंह के बगावती तेवरों पर मीडिया के सवालों की बौछार का रावत ने सहजता से सामना किया। कहा कि, रणजीत मेरे छोटे भाई हैं। वो शुरू से जमीनी कार्यकर्ता रहे हैं। उनका सहयोग सदा मेरे साथ रहा है और रहेगा। रणजीत रावत पार्टी कार्यकारी अध्यक्ष हैं। पार्टी उनकी बात का संज्ञान लेगी।
मैं नहीं चाहता कि मुझे मेरे भाई रणजीत सिंह रावत के साथ प्रतियोगी या प्रतितद्वंदी के रूप में देखा जाए। उनकी मांग को मैने रणजीत और पार्टी पर छोड़ दिया है। रणजीत सिंह रावत पार्टी की भावनाओं का सम्मान करने वाले व्यक्ति हैं। उम्मीद है कि इस बार भी वो सम्मान रखेंगे।
हरीश रावत, पूर्व सीएम
नाम- हरीश रावत
पिता- स्व. राजेंद्र सिंह रावत
पता- अदबौड़ा मोहनरी, अल्मोड़ा
जन्म तिथि- 27 अप्रैल 1968
शिक्षा – लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीए और एलएलबी डिग्री हासिल की
पारिवारिक पृष्ठभूमि
हरीश रावत कुमाऊंनी राजपूत परिवार से संबंध रखते हैं। उनका जन्म स्थल गांव अदबौड़ा-मोहनरी ग्राम सभा अल्मोड़ा में है। शुरुआती पढ़ाई गवर्मेंट इंटर कॉलेज चौनलिया से करने के बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी से बीए एलएलबी की डिग्री ली। उन्होंने अपनी साथी कांग्रेस नेता रेणुका रावत से विवाह किया। रेणुका ने भी लखनऊ यूनिवर्सिटी से ही लॉ की डिग्री ली थी।
राजनीति सफर
हरीश रावत का राजनीतिक सफर ग्राम सभा के स्तर से शुरू हुआ। कम उम्र में ही वे भिकियासैंण से ब्लॉक प्रमुख बने। 1980 में अल्मोड़ा लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने। इसी सीट पर तीन बार जीते। 2009 के लोकसभा चुनाव में हरिद्वार सीट से जीत हासिल कर लोकसभा पहुंचे। फरवरी 2014 में उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
पांच कारण
रामनगर क्षेत्र में हरीश रावत की मजबूत पकड़ मानी जाती है।
रामनगर में रहे, शिक्षा हासिल की, यहां के लोगों से जुड़ाव
रामनगर से कुमाऊं की अन्य सीटों को साधने का प्रयास
रामनगर में लगातार सक्रियता
टिकट के अन्य दावेदारों की पसंद