यूपी नई आबकारी नीति: उत्तर प्रदेश में आगामी 1 अप्रैल से अंग्रेजी शराब महंगी हो जाएगी। एक मोटे अनुमान के अनुसार अंग्रेजी शराब के लोकप्रिय ब्रांड के क्वार्टर पर लगभग ₹5 की बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा देसी शराब अब दूध व जूस की तरह ट्रेटा पैक यानी मोटे कागज की पैकिंग में भी बिकेगी। प्रदेश सरकार ने हालांकि देसी शराब के अधिकतम विक्रय मूल्य में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। मगर टेट्रा पैक में देसी शराब का पव्वा ₹85 में मिलेगा।
नई आबकारी नीति के मुताबिक अभी लाइसेंसी दुकानों से देसी शराब का पव्वा पेट बोतल यानी प्लास्टिक की बोतल में बिकता है। इसी तरह बीयर के अधिकतम विक्रय मूल्य में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। बीयर पर एक्साइज ड्यूटी को कम किया गया है।ब्रांड पंजीकरण, बार क्लब व माइक्रो ब्रिवरी अनुज्ञापनों का नवीनी करण हर साल के बजाय 3 साल में कराने का विकल्प होगा।
देसी के विक्रेताओं को होगा नुकसान
शराब विक्रेता वेलफेयर एसोसिएशन के महासचिव कन्हैया लाल मौर्य ने कहा है कि देसी शराब की दुकानों की लाइसेंस फीस बढ़ा दी है।इससे दुकानदारों को नुकसान होगा।
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वित्तीय वर्ष के लिए घटा दिया राजस्व प्राप्ति लक्ष्य
कोरोना वायरस के कारण राजस्व के नुकसान को देखते हुए प्रदेश सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष के लिए आबकारी के मद से राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य भी घटा दिया है।
व्यक्तिगत प्रयोग प्रयोग के लिए लेना होगा होम लाइसेंस
यूपी नई आबकारी नीति: व्यक्तिगत प्रयोग के लिए निर्धारित फुटकर सीमा 16 बोतल से अधिक शराब या बियर अपने पास रखने के लिए अब व्यक्तिगत होम लाइसेंस लेना होगा। निजी प्रयोग हेतु व्यक्तियों को निर्धारित फुटकर सीमा 16 बोतल से अधिक मदिरा क्रय, परिवहन व निजी कब्जे में निर्धारित शर्तों के अधीन रखने के लिए हर साल ₹12000 की लाइसेंस फीस व प्रतिभूति धनराज ₹51000 जमा करानी होगी। नीति में शराब की लाइसेंस फीस में 7.5% की बढ़ोतरी की गई।