मुरादनगर हादसा: गाजियाबाद में मरने वालों के शव एमएमजी अस्पताल में उतरते देख हर किसी का दिल कांप उठा तत्काल जिला एमएमजी अस्पताल में मेडिकल स्टाफ को बुला लिया गया इमरजेंसी में डॉक्टर घायलों के आने का इंतजार कर रहे थे।
लेकिन एंबुलेंस आनी शुरू हुई तो इनमें से 24 लोग दम तोड़ चुके थे पहले कुछ शव आईटीएस के सूर्या अस्पताल ले जाए गए लेकिन वहां प्रबंधन ने जगह ना होने की बात कही आनन-फानन में एमएमजी अस्पताल की इमरजेंसी के पीछे बने बर्न वार्ड को अस्थाई मोर्चरी में तब्दील कर दिया गया इमरजेंसी के सामने सब उतार कर स्ट्रेचर से मोर्चरी तक पहुंचाए गए सुबह लगभग 11:00 बजे मुरादनगर हादसे की सूचना मिली इसके बाद अस्पताल में घायलों के उपचार की व्यवस्था करने के निर्देश प्रशासन की ओर से दिए गए।
मुरादनगर हादसा: अस्पतालों के सभी सीनियर डॉक्टरों को तुरंत अस्पताल पहुंचने के निर्देश दिए इनमें फिजीशियन आर्थोपेडिक सर्जन कार्डियोलॉजिस्ट इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर शामिल थे इसके अलावा इमरजेंसी वार्ड में अतिरिक्त स्टाफ की तैनाती की गई। जिससे घायलों के उपचार में किसी तरह की परेशानी ना हो लगभग 1:00 बजे से अस्पताल में घायलों का आने का सिलसिला शुरू हुआ तो शाम 5:00 बजे तक चलता रहा चार शव सीएचसी मुरादनगर भेजे गए बाद में सब एमएमजी अस्पताल में ले जाकर वहां बर्न वार्ड में बनाई गई। आज भाई मोर्चरी में रखे गए पोस्टमार्टम करने के लिए 4 डॉक्टरों की टीम लगाई गई डीएम अजय शंकर पांडे ने डॉक्टरों की टीम बढ़ाने के लिए कहा लेकिन सी एम ओ एनके गुप्ता ने बताया कि एक बार में एक ही शव रखने के लिए प्लेटफार्म बना है इसलिए डॉक्टरों की टीम बढ़ाने से कोई फायदा नहीं है इसके बाद 4 डॉक्टर डॉक्टर लाए गए।
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घायलों ने सुनाई आपबीती हादसे में मरने वाले जय वीर सिंह के भाई कृष्ण पाल सिंह के बेटे अश्वनी के दोनों पैर टूट गए अश्वनी बीएमसी के छात्र हैं उनके चचेरे भाई पंकज ने बताया कि जब जब उसे मलबे से निकाला गया तो वह घुटनों के बल बैठा था उसे लगभग 3 घंटे बाद मलबे से निकाला जा सका शरीर पर कहीं चोट के निशान नहीं दिखी लेकिन दोनों पैर टूटे हुए थे वह 80s स्थित सूर्या अस्पताल में भर्ती है अभी उसकी हालत ठीक है।
मुरादनगर हादसा: जय वीर सिंह के भतीजे सूरज ने बताया कि चाचा पूरी तरह से मलबे में दबे थे उनकी केवल गर्दन ही बाहर थी उन्हें मलबे से निकालकर सूर्य अस्पताल भेजा गया सूरज ने आरोप कहा कि अस्पताल में लगभग 1 घंटे तक एक जय-जय वीर का कोई उपचार नहीं मिल सका तब तक जयवीर उनसे बातचीत कर रहे थे लगभग 1 घंटे बाद जयवीर ने कहा कि उनका दम घुट रहा है इसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई और कुछ ही देर में उन्होंने दम तोड़ दिया।