मध्यप्रदेश में बुधवार से विश्वविद्यालय और कॉलेज छात्रों के लिए खुल गए। पहले ही दिन छात्र बड़ी परेशानी में नजर आए। बच्चों को सभी जानकारी देने के लिए भोपाल एमवीएम कॉलेज के प्रोफेसर और स्टॉफ गेट पर ही मौजूद रहे, लेकिन छात्र-छात्राएं न तो वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट और न ही पेरेंट्स के सहमति पत्र ही लाए।
पहले दिन अधिकांश छात्र इसी तरह आधी अधूरी जानकारी के साथ कॉलेज पहुंचे। उन्हें कॉलेज से ही एक अनुमति पत्र फार्म दिया गया। प्रोफेसर आरएस रघुवंशी ने बताया कि पहला दिन होने के कारण छात्रों को इस शर्त के साथ कॉलेज में एंट्री दी गई कि वे कल इसे भरवाकर लाएंगे।
छात्रों के सवाल थे कि उनके माता-पिता तो यहां नहीं रहते हैं। ऐसे में वे साइन कैसे लाएं। इसका जवाब यह है कि वे लोकल गार्जियन से भी अनुमति पत्र पर साइन करा सकते हैं। पहले दिन फर्स्ट ईयर के छात्र भी कॉलेज पहुंचे, जबकि उनकी क्लास 1 अक्टूबर से लगेंगी।
छात्र बोले पता ही नहीं था
छात्र-छात्राओं ने कहा कि आज पहला दिन है। अच्छा लग रहा है। जब क्लास लगेंगी, तब पता लगेगा। पहला दिन था इसलिए पता नहीं था कि वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट के साथ पेरेंट्स का अनुमति पत्र लाना है। अभी हमें बताया गया है कि यह दोनों देना है। कल इसे जमा कर देंगे।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालय और महाविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियां बुधवार से स्टूडेंट्स की उपस्थिति के साथ प्रारंभ होंगी। शैक्षणिक तथा अशैक्षणिक स्टॉफ 100% उपस्थिति होंगे, लेकिन छात्र-छात्राएं 50% ही होंगे। छात्रों को शुरुआती 10 दिन कॉलेज, कोर्स, विषय, विषय बदलने, स्कॉलरशिप और अन्य बातों की जानकारी दी जाएगी। ताकि वे क्लास शुरू होने के पहले सभी तरह की प्रक्रियाओं को समझ लें। इसके बाद उनकी क्लास शुरू होंगी।