उत्तर प्रदेश की सत्ता में काफी समय से महरूम और लोकसभा विधानसभा में बदतर प्रदर्शन की वजह से बसपा को 2019 20 में 20 हज़ार रुपये से भी कम चंदा मिला है। वहीं महाराष्ट्र की सत्ता में भागीदारी करने वाली एनसीपी को करीब 60 करोड़ मिले हैं। यह जानकारी चुनाव आयोग द्वारा क्षेत्रीय दलों के मिले चंदे के ब्योरे पर दी गई है।
आयोग ने अभी भाजपा,कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामदलों को मिले चंदे का खुलासा नहीं किया है।
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आयोग के अनुसार अन्नाद्रमुक को 52.1 करोड़ रुपए और द्रमुक को 48.3 करोड़, जदयू को 6 करोड़ रुपए का चंदा मिला है। देश में राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय, क्षेत्रीय पार्टियां हैं। भाजपा, कांग्रेस, माकपा और तृणमूल कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टियां भी हैं। साथ ही 35 राज्य स्तरीय 329 क्षेत्रीय दल है। एनसीपी को मुख्य रूप से चंदा देने वालों में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया का नाम है। वर्ष 2019-20 में एनसीपी को सीरम ने तीन करोड़ बीजी शिर्क कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड ने 25 करोड़, पंचशील कॉरपोरेट पार्क 7.5 करोड़ फिनोलेक्स ने 1.2 करोड़ रुपए दिए। इसके अलावा एक इलेक्टोरल बांड हार्मनी इलेक्टोरल ट्रस्ट ने 1.5 करोड़ का का चंदा दिया।
अन्नाद्रमुक के चंदे में 20 हजार से अधिक में 94 फ़ीसदी यानी 46.8 करोड़ टाटा के प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट की ओर से मिला है। जबकि द्रमुक को कुल 93 फ़ीसदी इलेक्टोरल बांड द्वारा प्राप्त हुआ है। टाटा ने क्षेत्रीय दलों को जमकर दान दिया कंपनी ने 2019-20 में बीजद को 25 करोड़ का चंदा दिया।2018- 19 में बीजद को टाटा के ट्रस्ट ने 72 करोड़ दिए थे। जदयू को 1.2 करोड़ समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट से मिले।इसी ट्रस्ट से रालोद को डेढ़ करोड़ रुपए दिए। वहीं ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन को 2019 में 13.85 लाख का चंदा मिला।