चारबाग होटल अग्निकांड: लखनऊ, लगभग ढाई साल पहले चारबाग के नाका हिंडोला के दो होटलों में हुए अग्निकांड में एलडीए की कार्रवाई से मुख्यमंत्री योगी संतुष्ट नहीं हुए हैं। उन्होंने मामले की पूरी फाइल तलब की है। वर्ष 2013 से 2018 के बीच तैनात रहे विहित प्राधिकारी, अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता व अवर अभियंता का ब्यौरा मांगा है। सीएम के संज्ञान लेने से एलडीए में हड़कंप का माहौल रहा।
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प्रमुख सचिव दीपक कुमार की ओर से आए पत्र में कार्यवाई पर प्रश्न चिन्ह लगाया गया है। पत्र में कहा गया है कि जिनके खिलाफ कार्रवाई हुई है वह या तो क्षेत्र में तैनात नहीं थे अथवा बहुत कम समय से तैनात थे। जबकि वर्ष 2010 व 2013 में अवैध निर्माण ढहाने की नोटिस जारी होने के बाद भी न सिर्फ अवैध निर्माण जारी रहा बल्कि होटल भी संचालित होता रहा। ऐसे में जिन अभियंताओं खिलाफ कार्यवाई हुई है वह प्रथम दृष्टया दोषी नहीं है। लिहाजा अवैध निर्माण के जिम्मेदार तत्कालीन वास्तविक दोषी अभियंताओं व कार्मिकों की पहचान करते हुए उनके विरुद्ध आरोप पत्र साक्ष्य सहित कार्रवाई का प्रस्ताव सप्ताह भर में उपलब्ध कराया जाए।
चारबाग होटल अग्निकांड: चारबाग में 19 जून 2018 में भीषण अग्निकांड हुआ था। तंग गलियों में बने होटल विराट एसएसजे इंटरनेशनल में आग लगने से 7 लोगों की जान चली गई थी, कई गंभीर रूप से झुलस गए थे। हालत यह थी कि आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी नहीं पहुंच सकी थी। इस मामले में अपर पुलिस महानिदेशक व एलडीए वीसी से संयुक्त जांच कराई गई थी।