Major Ashish rich in talent was ahead in every task Topper in studies as well as in sports anantnag encounter

टीडीआई के ए ब्लॉक में मेजर आशीष का नया घर, जिसका फिलहाल निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

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हर इंसान में कोई न कोई खूबी होती है। शहीद मेजर आशीष धौंचक में एक नहीं अनेक खूबियां थीं। या ये कहें कि वे इन सबके धनी थे तो दो राय न होगी। वे गांव में अपनी प्राथमिक शिक्षा के दौरान पढ़ाई के साथ खेलों में अव्वल रहते थे। वे हर किसी से घुल मिलकर रहते थे। 

अपने साथियों के अलावा बड़े बुजुर्गों के साथ खेलने लगते थे। वे बेशक सेना में चले गए थे, लेकिन आज भी गांव जाते थे तो हर किसी से मिलने का प्रयास करते थे। ग्रामीण भी उन्हें बिना मिले नहीं जाने देते थे। मेजर आशीष धौंचक की शहादत के बाद शहर ही नहीं बल्कि बिंझौल गांव के भी आंसू नहीं थम पा रहे हैं। 

बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्ग हर कोई मेजर आशीष की शहादत को सैल्यूट कर रहा है। बिंझौल गांव निवासी रमेश ने बताया कि आशीष शुरू से ही बहादुर था। वह पढ़ाई के साथ खेलों में हर समय आगे रहता था। परिवार के सदस्यों के साथ घुल मिलकर रहता था। वह चारों दादा के साथ समय मिलते ही खेलने लगता था। 

वह उन्हें भी कहता था कि खेल में उम्र नहीं जोश देखना चाहिए। वह अपनी बातों से उन्हें खेलने के लिए तैयार कर देता था। वह स्कूल की प्राथमिक पढ़ाई पूरी करने के बाद एनएफएल स्थित केंद्रीय विद्यालय में पढ़ने लगा। एनएफएल नजदीक होने पर छुट्टी के दिन गांव आ जाता था। वह स्कूल समय में भी नाटक के मंचन में सैनिक का रोल लेता था। 

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