कर्नाटक में जनेऊ विवाद पर बवाल खड़ा हो गया है. चार छात्रों ने सीईटी एग्जामिनेशन सेंटर में एंट्री करने से पहले जनेऊ उतारने व काटने का आरोप लगाया. इन छात्रों का कहना है कि (the Janeu dispute in Karnataka) उनके जनेऊ या तो उतार लिए गए या उन्हें पहनने के कारण परीक्षा केंद्र में प्रवेश नहीं करने दिया गया. मामला कर्नाटक के शिवमोगा, बीदर, गडग और धारवाड़ का है. 16 अप्रैल को हुई इस घटना से राज्य में विवाद छिड़ गया है.
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छात्रों ने कहा कि कहीं जनेऊ उतारने के लिए मजबूर किया गया तो कहीं उनके जनेऊ को काटकर कूड़ेदान में फेंक दिया गया. बीदर में एक छात्र को सीईटी परीक्षा देने की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया. शिवमोगा में छात्र के जनेऊ को अपवित्र करने की घटना सामने आई है. वहीं, हालकेरी (गडग जिला) और धारवाड़ में जनेऊ को काटकर कूड़ेदान में फेंकने का मामला सामने आया है.
ब्राह्मण महासभा ने बीदर में किया विरोध प्रदर्शन
एक मामले में शिवमोगा में पुलिस शिकायत दर्ज की गई है जबकि दूसरे मामले में बीदर के एक स्कूल के प्रधानाचार्य और एक अन्य कर्मचारी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. धारवाड़ में एक छात्र ने कहा कि इस घटना के बाद मैं इतना परेशान हो गया था कि मैं परीक्षा पर ध्यान केंद्रित नहीं कर सका. अखिल कर्नाटक ब्राह्मण महासभा और हिंदू समर्थक संगठन के सदस्यों ने बीदर में शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया.
the Janeu dispute in Karnataka – इसके घटना को लेकर पुलिस ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें धार्मिक चोट, आपराधिक धमकी और धार्मिक भावनाओं को आहत करने से संबंधित प्रावधान शामिल हैं. एफआईआर कर्नाटक ब्राह्मण सभा के नटराज भागवत की शिकायत के बाद दर्ज की गई.