- अखिलेश को मिल सकता है इस कद्दावर नेता का साथ, पशोपेश में भाजपा
सुमंगल दीप त्रिवेदी
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की सियासत में बहुत ही जल्द, बहुत बड़ा बदलाव हो सकता है। यूपी की राजनीति इस समय चुनाव की चौखट पर खड़ी है। ऐसे में हर एक राजनीतिक दल किसी न किसी से गठजोड़ करने जुटा है।
लेकिन, इस बीच सूत्रों से एक ऐसी जानकारी निकल कर आ रही है, जो वर्तमान प्रदेश सरकार के लिए किसी सिरदर्द से कम नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार के एक कैबिनेट मंत्री, समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। वह भी अकेले नहीं। करीब 20 विधायकों के साथ।
सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार में श्रम और सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य जल्द ही भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़ सकते हैं। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, वह समाजवादी पार्टी का दामन कभी भी थाम सकते हैं। इस परिप्रेक्ष्य में स्वामी प्रसाद मौर्य की अखिलेश यादव से बात भी लगभग अंतिम चरण में पहुंच गई है।
इतना ही नहीं, स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ लगभग 20 विधायक भी इधर से उधर हो सकते हैं। यानी, स्वामी प्रसाद मौर्य यदि भाजपा छोड़ते हैं, तो वह अकेले नहीं, बल्कि 20 अन्य विधायकों के साथ साइकिल की सवारी कर सकते हैं।
गौरतलब है कि, स्वामी प्रसाद मौर्य पूर्व में बहुजन समाज पार्टी में रहे हैं और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के काफी करीबी रहे हैं। वे बहुजन समाज पार्टी में प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय महासचिव जैसे पदों पर भी रहे हैं।
स्वामी प्रसाद मौर्य की मायावती से नाराजगी के बाद उन्होनें बसपा छोड़ दी थी और भारतीय जनता पार्टी का साथ पकड़ लिया था। मौर्य बौद्ध धर्म से आते हैं और कुशीनगर के पडरौना क्षेत्र से विधायक हैं। मौर्य की क्षेत्र, राजनीतिक साथियों और जनता के बीच पकड़ का आलम यह है कि जब उन्होनें बसपा छोड़ी तो खड्डा, फाजिलनगर, हाटा और पडरौना सभी सीटें बसपा के दामन से निकल गईं।
अब, अगर स्वामी प्रसाद मौर्य भाजपा का कमल रख कर साइकिल पर अखिलेश के साथ सवार हो लेते हैं, तो यह तय माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी को भी कई सीटों पर नुकसान उठाना पड़ सकता है।