उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। बीजेपी पूरे प्रदेश का महौल जानने में लगी है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल ने कहा है कि जीतने में सक्षम लोग ही पंचायत चुनाव में प्रत्याशी बनेंगे। उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों को ऐसी महिलाओं की भी टीम बनाने को कहा जो पंचायत चुनाव दमदारी से लड़ सकें। उन्होंने कहा कि बनारस खंड के एमएलसी चुनाव में भाजपा को मिली हार की समीक्षा होगी। इससे पार्टी की छवि को धक्का लगा है। सुनील बंसल भाजपा काशी क्षेत्र कार्यकारिणी की हरहुआ के गोकुलधाम में आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव में पार्टी के पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों के परिवार व पत्नी को प्रत्याशी नहीं बनाया जाएगा। बंसल ने कहा कि कार्यकर्ता पंचायत चुनाव की तैयारियों में अभी से जुट जाएं।

प्रदेश के सह प्रभारी सुनील ओझा ने कहा कि सन-2022 के चुनाव में बेहतर परिणाम के लिए बूथ व सेक्टर स्तर पर समन्वय जरूरी है। बैठक की अध्यक्षता काशी क्षेत्र के अध्यक्ष महेशचंद्र श्रीवास्तव व संचालन क्षेत्रीय महामंत्री अशोक चौरासिया ने किया। बैठक में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल, विद्यासागर राय, हंसराज विश्वकर्मा, विधायक डॉ. अवधेश सिंह, सौरभ श्रीवास्तव आदि मौजूद थे। बैठक में प्रदेश भाजपा के नवनियुक्त सह संगठन महामंत्री भवानी सिंह का कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया। भवानी सिंह ने कहा कि जैसे हम शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम और मन को स्वस्थ रखने के लिए साधना करते हैं, उसी प्रकार संगठन की मजबूती के लिए चिंतन जरूरी है। लक्ष्य पाने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।

उत्तर प्रदेश सरकार 31 मार्च तक पंचायत चुनाव करा लेने की तैयारी में जुटी है. अधिकारियों के साथ अपनी मीटिंग में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चुनाव कराने को लेकर निर्देश जारी किया. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद पंचायती राज विभाग में हलचल तेज हो गई है. अभी वोटर लिस्ट फाइनल करने का काम चल रहा है.सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक में पंचायत विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण, चार जिलों में पंचायतों के पूर्ण परिसीमन और 49 जिलों में आंशिक परिसीमन की कार्यवाही चल रही है. इसके बाद त्रिस्तरीय पंचायतों का वार्ड निर्धारण और वार्डों का आरक्षण किया जाएगा.

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायतों का कार्यकाल 25 दिसंबर को समाप्त हो रहा है और उसी दिन आधी रात से सभी ग्राम पंचायतें भंग हो जाएंगी. तीन दिन पहले अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 31 मार्च तक चुनाव कराने का निर्देश जारी किया. सभी तैयारियां शुरू हो गई है.
इसे भी पढ़ें: नए कृषि कानून के विरोध में सपा का प्रदेश भर में प्रदर्शन जारी

25 दिसबंर को ग्राम प्रधानों का कार्यकाल खत्म होते ही नए कामों की शुरुआत पर रोक लग जाएगा. उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बकायदा शासनादेश जारी होगा. अधिकतर जिलों में 25 दिसंबर 2015 को ग्राम प्रधानों को शपथ दिलाई गई थी. ऐसे में अब पांच साल पूरे होने के बाद 25 दिसंबर 2020 को कार्यकाल समाप्त हो जाएगा.

पंचायत विभाग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि अभी तक चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी नहीं हुई है. अधिसूचना के बाद ही ग्राम पंचायतों में नियमानुसार कार्यवाहक नियुक्त किए जाएंगे. इस बीच प्रदेश के चार जिलों गोण्डा, मुरादाबाद, सम्भल और गौतमबुद्धनगर में ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के वार्डों के परिसीमन का कार्यक्रम जारी कर दिया है.