बिहार में भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दल JDU ने उत्तर प्रदेश में पार्टी को नए सियासी पैंतरे से घेरने की कोशिश शुरू कर दी है। अब्ब्ल तो पार्टी ने प्रदेश में सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही है। वहीं पार्टी ने पिछड़ों के आरक्षण की सियासत में भी आग में घी डालने की कवायद शुरू कर दी है। जनता दल यू के प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने रविवार को लखनऊ में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और कहा है कि राज्य में पिछड़ों को तीन हिस्सों में आरक्षण देने संबंधी व्यवस्था लागू की जाए। दरअसल भारतीय जनता पार्टी ने सत्तारूढ़ होते ही सामाजिक न्याय समिति गठित की थी। इसने पिछड़ों के आरक्षण में तीन श्रेणियां बनाने की सिफारिश की है, जो मुख्यमंत्री के पास लंबित है।
सभी विधानसभा सीटों परलड़ेंगे चुनाव
श्री त्यागी ने इस मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने पिछड़ों व अति पिछड़ों को सामाजिक न्याय दिलाने के मुद्दे पर चर्चा की। यूपी में इसे लेकर समिति की संस्तुतियां आ गई हैं। अब उन्हें सार्वजनिक कर लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि चुनावी गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं हुई। अलबत्ता उनकी पार्टी अपना संगठन सक्रिय कर यहां सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में उसने अपने प्रत्याशी नहीं उतारे थे। अब यूपी में पार्टी को सक्रिय किया जा रहा है। श्री त्यागी ने इस मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने पिछड़ों व अति पिछड़ों को सामाजिक न्याय दिलाने के मुद्दे पर चर्चा की। यूपी में इसे लेकर समिति की संस्तुतियां आ गई हैं। अब उन्हें सार्वजनिक कर लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि चुनावी गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं हुई। अलबत्ता उनकी पार्टी अपना संगठन सक्रिय कर यहां सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में उसने अपने प्रत्याशी नहीं उतारे थे। अब यूपी में पार्टी को सक्रिय किया जा रहा है।
इसे भी पढ़े:प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मुफ्त कोचिंग ‘ अभ्युदय ‘
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमारने इसीलिए उन्हें यहां भेजा है। वह भी जल्द पूर्वांचल का दौरा करेंगे। पहला कार्यकर्ता सम्मेलन वाराणसी में अगले महीने होगा। इसमें नीतीश कुमार शामिल होंगे। केसी त्यागी ने कहा कि उनकी पार्टी किसानों की मांगें पूरी तरह जायज । हैं। पार्टी इनका समर्थन करती है। साथ ही वह केंद्र सरकार द्वारा तीनों कानून डेढ़ साल तक स्थगित करने के निर्णय का भी स्वागत करती है।
ये है फॉर्मूला
ओबीसी के लिए आरक्षित कुल 27 प्रतिशत कोटे में संपन्न पिछड़ी जातियों में यादव, अहीर, जाट, कुर्मी, सोनार और चौरसिया सरीखी जातियां शामिल हैं। इन्हें 7 फीसदी आरक्षण देने की सिफारिश की गई है।
अति पिछड़ा वर्ग में गिरी, गुर्जर, गोसाईं, लोध, कुशवाहा समेत 65 जातियों को 11 प्रतिशत और मल्लाह, केवट, निषाद, राई, गद्दी, घोसी, राजभर जैसी 95 जातियों को 9 प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश की गई है।
इसे भी पढ़े: Not a good sign for alliance politics: KC Tyagi on JD(U) MLAs joining BJP in Arunachal Pradesh