गुवाहाटी/नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि (Unlimited Dreams And Aspirations) 21वीं सदी में भारत के सपने और आकांक्षाएं असीमित हैं। उन्होंने कहा कि इनकी पूर्ति में लोकतंत्र के एक स्तम्भ के तौर पर सशक्त और संवेदनशील न्यायतंत्र की भूमिका भी उतनी ही अहम है। प्रधानमंत्री गुवाहाटी उच्च न्यायालय के प्लेटिनम जुबली समारोह के उपलक्ष्य में गुवाहाटी के श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने असम पुलिस द्वारा डिजाइन किए गए एक मोबाइल एप्लिकेशन असम कॉप का शुभारंभ किया। यह ऐप अपराध और आपराधिक नेटवर्क ट्रैकिंग सिस्टम (सीसीटीएनएस) और वाहन राष्ट्रीय रजिस्टर के डेटाबेस से अभियुक्तों और वाहनों की खोज की सुविधा प्रदान करेगा।
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प्रधानमंत्री ने इस दौरान स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से भारत के आकांक्षी समाज और सबका प्रयास की चर्चा का स्मरण करते हुए कहा कि आज 21वीं सदी में हर भारतवासी के सपने और उसकी आकांक्षाएं असीम हैं। इनकी पूर्ति में, लोकतंत्र के एक स्तम्भ के तौर पर हमारी सशक्त और संवेदनशील न्यायतंत्र की भूमिका भी उतनी ही अहम है। उन्होंने कहा कि देश के संविधान की भी हम सभी से निरंतर अपेक्षा है कि हम समाज के लिए वाइब्रेंट, स्ट्रॉग और आधुनिक लीगल सिस्टम
बनाएं। आकांक्षी भारत इसके सपनों को पूरा करने के लिए ये जिम्मेदारी विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका तीनों अंगों की है।
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Unlimited Dreams And Aspirations – उन्होंने कहा कि गुवाहाटी हाईकोर्ट की 75 वर्ष की यह यात्रा एक ऐसे समय में पूरी हुई है, जब देश ने भी अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं। यह हमारे लिए अब तक के अनुभवों को सहेजने का भी समय है, नए लक्ष्यों के लिए जवाबदेही और जरूरी बदलावों का भी एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। उन्होंने कहा कि गुवाहाटी हाईकोर्ट की अपनी अलग विरासत, पहचान रही है। ये एक ऐसी हाईकोर्ट है जिसके क्षेत्राधिकार का दायरा सबसे बड़ा है। असम के साथ-साथ अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम और नागालैंड यानी 3 और राज्यों की भी सेवा की जिम्मेदारी निभाते हैं।