सावन की दूसरी सोमवारी पर मध्य प्रदेश का धार्मिक नगर उज्जैन बाबा महाकाल की भक्ति में पूरी तरह सराबोर नजर आया. विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार तड़के 2:30 बजे श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के पट खोले गए और परंपरागत भस्म आरती हुई. मंदिर परिसर जय श्री महाकाल के (royal ride will come out) जयघोष से गूंज उठा.

महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित महेश शर्मा के अनुसार, भस्म आरती से पूर्व भगवान वीरभद्र का पूजन किया गया. इसके बाद चांदी के मुख्य द्वार खोले गए और गर्भगृह में स्थित सभी देव प्रतिमाओं का पूजन किया गया.

बाबा महाकाल का जलाभिषेक पंचामृत—दूध, दही, घी, शक्कर, फलों के रस—से किया गया. फिर ‘हरि ओम’ का जल अर्पित कर घंटाल बजाया गया. इसके बाद बाबा महाकाल का विशेष शृंगार किया गया जिसमें भांग का लेप, मस्तक पर सूर्य चिन्ह और कानों में रजत कुंडल लगाए गए. पूजा के अंत में कपूर आरती कर बाबा को नवीन मुकुट और रुद्राक्ष की माला धारण कराई गई।

royal ride will come out – श्रावण-भाद्रपद मास में निकलने वाली दूसरी सवारी आज सोमवार, 21 जुलाई को नगर भ्रमण पर निकलेगी. इस सवारी में भगवान चंद्रमौलेश्वर पालकी में और भगवान मनमहेश हाथी पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देंगे. सवारी से पूर्व मंदिर के सभामंडप में विधिवत पूजन-अर्चन किया जाएगा. इसके बाद मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल द्वारा बाबा की सवारी को सलामी दी जाएगी. परंपरागत मार्ग से सवारी नगर भ्रमण पर निकलेगी.

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