कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाने वाला धनतेरस का त्योहार, धन और आरोग्य दोनों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस दिन धन के देवता कुबेर आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि और धन-समृद्धि की देवी माता लक्ष्मी की विशेष पूजा की जाती है. मान्यता है कि पूजा के दौरान इन तीनों देवों को उनकी प्रिय वस्तुओं (Dhanteras) का भोग लगाने से वे प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी विशेष कृपा बरसाते हैं.
माता लक्ष्मी का प्रिय भोग: सुख-समृद्धि के लिए
माता लक्ष्मी को धन और वैभव की देवी माना जाता है. उन्हें प्रसन्न करने के लिए इन चीज़ों का भोग लगाना चाहिए.
बताशा/खील: बताशा और खील माता लक्ष्मी को बहुत प्रिय है. इन्हें शुक्र ग्रह का प्रतीक भी माना जाता है, जो सुख-समृद्धि को बढ़ाते हैं. धनतेरस पर इन्हें भोग लगाने से दुर्भाग्य दूर होता है.
नारियल और मिश्री: माता लक्ष्मी को नारियल (श्रीफल) और मिश्री का भोग लगाना बहुत शुभ माना जाता है. इससे धन की देवी की कृपा बनी रहती है.
मखाने की खीर: कई जगहों पर माता लक्ष्मी को मखाने की खीर का भोग लगाने की भी परंपरा है. इसे अत्यंत शुभ और स्वादिष्ट माना जाता है.
पान और मेवा: माता लक्ष्मी को रोली, कुमकुम, पान के पत्ते और सूखे मेवों का भोग भी लगाया जाता है.
भगवान कुबेर का प्रिय भोग: धन-वृद्धि के लिए
कुबेर देव को धन का अधिपति यानी खजांची माना जाता है. उनकी कृपा से घर में धन की कमी नहीं होती. उन्हें इन चीज़ों का भोग अर्पित करना चाहिए:
चावल की खीर: भगवान कुबेर को सफेद मिठाई, खासकर चावल की खीर का भोग लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है.
धनिया की पंजीरी: साबुत धनिया धनतेरस पर खरीदना और इसे कुबेर देव को पंजीरी के रूप में अर्पित करना धन-वृद्धि का संकेत माना जाता है.
बेसन के लड्डू: कुबेर देव को बेसन के लड्डू भी अर्पित किए जाते हैं.
सफेद मिठाई: सफेद रंग की कोई भी मिठाई कुबेर देव को भोग के (Dhanteras) रूप में चढ़ाई जा सकती है.