भोपाल : राजधानी भोपाल में चाइल्ड हेल्प लाइन में काम करने वाले लोग ईसाई धर्मांतरण करवाते पाए गए। इनके निशाने पर अधिकांश वे हिन्दू बच्चे होते थे जो इन्हें कहीं भटकते (The Game Of Conversion) या दुरावस्था में मिलते थे। इन बच्चों को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के सामने प्रस्तुत न कर इन्हें ईसाई मिशनरी से जुड़ी संस्थाओं में रखवा देते थे। जानकारी में आया है कि भोपाल में यह तब से चल रहा है जब से जेजे एक्ट (किशोर न्याय, बच्चों की देखभाल और संरक्षण अधिनियम) अस्तित्व में आया।

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The Game Of Conversion – इस पूरे मामले को इस तरह अंजाम दिया जा रहा था कि लोगों की नजरों से बचा रहे और अबोध बच्चों को ईसाई बनाया जाना जारी रहे। भोपाल में गुरुवार देर रात तब हड़कंप मच गया जब आंचल चिल्ड्रन होम्स में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग  और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीमें अचानक पहुंच गई और वहां का हाल देखकर दोनों टीमें हैरान थीं। छापामारी में इस एनजीओ के पास से सभी चाइल्ड लाइन संबंधी दस्तावेज़ मिले हैं। साथ ही आंचल चिल्ड्रन होम्स के अधीक्षक तथा इनके साथी निशा तिरकी, नमिता एवं अन्य पाए गए, जो धर्मांतरण के खेल में लगे थे। यह जरूरतमंद बच्चों की रेकी कर इन्हें ईसाई मिशनरी से जड़ी संस्था में भर्ती कराकर उनके मतान्तरण का काम कर रहे थे।

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आयोग के छापे में पाया गया कि संस्था का जेजे एक्ट में रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ था। यहां कार्यरत कर्मचारियों में से किसी का भी पुलिस वेरिफिकेशन नहीं पाया गया। इसके साथ अन्य अनियमितताएं पाई गई। उन्होंने ट्वीट के जरिए बताया कि राष्ट्रीय और राज्य आयोग ने संयुक्त रूप से भोपाल में एक अवैध ईसाई अनाथालय पर छापा मारा, वहां अनाथ बच्चों सहित 40 से अधिक आदिवासी बच्चियों को रखा गया पाया गया, जिन्हें चर्च ईसाई धर्म में परिवर्तित कर रहा है। लेकिन सभी के साथ 3 घंटे से परवलिया सड़क थाने पर बैठे होने के बाद भी पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं कर रही।

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