हमारी संज्ञानात्मक व्यावहारिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को मेंटल हेल्थ कहते हैं| अर्थात हम कैसा सोचते हैं, कैसे व्यवहार करते हैं, और कैसा महसूस करते हैं यह सब हमारी मेंटल हेल्थ में आता है| आजकल की तनाव भरी ज़िंदगी और आगे बढ़ने की होड़ हमारी मेन्टल हेल्थ के लिए एक बड़ी चुनौती है| यहॉं हर कोई किसी न किसी मानसिक समस्या से गुजर रहा है| अतः हमें इन Mental Illness Symptoms के बारे में पता होना चाहिए|
कहा जाता है कि 50% मानसिक समस्या 14 साल की उम्र से शुरू होती है और 50% 24 साल के बाद| परंतु यह तथ्य कितना सही है और कितना गलत कोई नहीं कह सकता| मानसिक समस्या हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को खराब कर सकती है जिस कारण इन की जानकारी होना बहुत जरूरी है तो आज हम आपको सिम्टम्स ऑफ मेंटल इलनेस के तहत लक्षणों से अवगत करवाएंगे|
Mental Illness Symptoms – मानसिक तनाव के मुख्य लक्षण
एंजायटी डिसऑर्डर
एंजायटी डिसऑर्डर काफी कॉमन डिसऑर्डर है इसके अंदर मनुष्य को काफी घबराहट महसूस होती है| इसमें मनुष्य को किसी भी वस्तु या परिस्थिति से घबराहट महसूस हो सकती है और इस कारण वह मनुष्य कई तरह की वस्तुओं व परिस्थितियों को अपने आप से दूर रखने की कोशिश करता है| एंजायटी डिसऑर्डर कई तरह के हो सकते है, जैसे
पैनिक डिसऑर्डर- इसमें मनुष्य को कहीं भी और कभी भी घबराहट का दौरा पड़ सकता है जिसके कारण वह अचानक से घबराकर डरने लगता है और पैरालाइज हो जाता है| घबराहट इतनी बढ़ सकती है कि मनुष्य को दिल का दौरा भी पड़ सकता है|
फोबिया- फोबिया अर्थात किसी वस्तु या किसी परिस्थिति का डर| संसार में कई तरह के फोबिया हो सकते हैं जैसे एग्रो फोबिया इसमें मनुष्य बाहर की दुनिया से डरता है और सोशल फोबिया इसमें मनुष्य लोगों की जजमेंट से डरता है कि कौन उसके बारे में क्या सोच रहा है क्या नहीं|
ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर- इसमें मनुष्य एक ही चीज को बार-बार दोहराता है| इसमें मनुष्य को कई घबराहट भरे ख्याल आते हैं जिनको वह अपने दिमाग से निकाल नहीं पाता जैसे, “क्या मैंने घर के दरवाजे पर ताला लगाया है?” “क्या मैंने गैस बन्द की है?”
आमतौर पर ऐसे ख्याल हम सबको आते ही रहते हैं पर जब यह ख्याल कुछ ज्यादा बढ़ जाए तो इसको हम एक मानसिक बीमारी का दर्जा दे सकते हैं|
पोस्ट ट्रौमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर- इसमें मनुष्य अपने अतीत में हुए किसी दर्दनाक घटना को भुला नहीं पाता जिसके कारण उसे घबराहट महसूस होती है और उस घटना से संबंधित सपने आते हैं| ऐसा मनुष्य काफी चिंतित हो जाता है और रात को सो नहीं पाता| कई बार इसमें पीड़ित को ऐसा लगने लगता है कि उसकी या किसी और की जान खतरे में है या उसका अपने जीवन पर कोई नियंत्रण नहीं है|
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इन सभी Mental Illness का एक ही Symptoms होता है किसी वस्तु या परिस्थिति से घबराहट होना या अतीत में कोई भयंकर दर्दनाक घटना होना या बार-बार किसी एक ही चीज के बारे में सोचते रहना|
Mental Illness Symptoms – मूड डिसऑर्डर्स
इनको अफेक्टिव डिसऑर्डर और डिप्रेसिव डिसऑर्डर भी कहा जाता है इसमें मरीज के मूड में अचानक परिवर्तन होते हैं या तो वह कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो जाता है यह तो डिप्रेस्ड| इस डिसऑर्डर में भी कई तरह की बिमारियाँ आती है जैसे:
डिप्रेशन
इसमें मनुष्य को किसी भी कार्य को करने में कोई रुचि नहीं रहती| वह हमेशा अपने आप से बात करता है या चुप रहता है| वह परिवार व दोस्तों से भी दूर हो जाता है और किसी भी तरह की मनोरंजन वाली चीजें करने में कोई दिलचस्पी नहीं रखता है|
बाइपोलर डिसऑर्डर
इसको मेनिया डिप्रेशन इलनेस भी कहा जाता है क्योंकि इसमें मनुष्य कभी भी उत्तेजित हो जाता है और उसी क्षण डिप्रेस्ड भी हो जाता है| इसमें मनुष्य में मेनिया और डिप्रेशन दोनों के लक्षण पाये जाते है|
मूड डिसॉर्डर के मुख्य लक्षण उदासीनता व अत्यधिक उत्तेजना होते हैं और यदि आपको यह लक्षण ज़्यादा समय तक नज़र आएं तो अवश्य किसी साइकायट्रिस्ट से सम्पर्क करें|
स्किजोफ्रेनिया
स्किजोफ्रेनिया एक ऐसी बीमारी है जो 10 में से 3 लोगों को अवश्य होती है| यह एक काफी बड़ी और उल्झी हुई बीमारी है इसके कई भाग होते हैं| इसमें मनुष्य को कई चीजें समझने में परेशानी होती है| उसके विचार टूटे हुए होते हैं और उसकी सोचने की क्षमता भी कमज़ोर होती है|
इसके दो तरह के mental illness symptoms होते हैं पॉजिटिव और नेगेटिव| पॉजिटिव लक्षणों में डेल्यूजन, हैल्युसिनेशन और थॉट डिसऑर्डर| डेल्यूजन का अर्थ होता है भ्रम इसमें मनुष्य को लगने लगता है कि इसमें कोई असाधारण शक्ति आ गई है या कोई उसे मारना चाहता है इस कारण वह कई अजीब चीजें करने लगता है और कई अजीब बातें भी कहता है जैसे की “धरती मेरे कहने पर चल रही है|” या “इस खाने में जहर मिला है|”
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यदि बात करें हैल्युसिनेशन की तो इसमे मनुष्य को कई ऐसी चिज़ी सुनाई या दिखाई देने लगती है जो असलियत में नहीं होती| थॉट डिसॉर्डर में मनुष्य के विचार सही ढंग से नहीं बन पाते जिसके कारण वह पूर्ण वाक्य बनाने मे असफल होता है और एक ही वाक्य को बार बार दोहराता है| कई बार इसमे मरीज़ नये शब्द भी बनता रहता है जिसका कोई अर्थ नहीं होता|
Mental illness के कोई ठोस symptoms तो नहीं होते क्योंकि मानसिक समस्याओं को पहचानने में काफी वक्त लग सकता है| इससे मरीज के अंदर कई ऐसे लक्षण दिखते हैं जो रोजमर्रा की जिंदगी में हर इंसान में पाये जा सकते हैं फिर भी कुछ ऐसे लक्षण है जिन पर आपको अवश्य ध्यान देना चाहिए:-
लोगो वा मनोरंजक गतिविधियों से दूर रहना व हमेशा उदास रहना
ज्यादा खाना या ज़्यादा सोना
किसी भी चीज़ से मतलब ना रखना
नशीले पदार्थों का ज़्यादा इस्तेमाल करना
असमंजस
आवाज़ें सुनाई देना
घबराहट होना
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यह थे Mental illness symptoms | यदि आप अपनी रोज़मर्रा की ज़िदगी मे थोड़ा और सतर्क हो जायेंगे तो कई मेन्टल इलनेस से बच सकेंगे|
Image Source : thedailybeast.com