रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन धान खरीदी का मुद्दा गूंजा. छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से समर्थन मूल्य पर शुरू हुई धान खरीदी की अव्यवस्था को लेकर सदन में जमकर हंगामा बरपा. विपक्ष स्थगन प्रस्ताव के जरिए सरकार को घेरने की तैयारी में था, लेकिन आसंदी के प्रस्ताव अग्राह्य करने (struggle over paddy procurement) पर कांग्रेस ने पूरे दिन की कार्यवाही से बहिष्कार कर दिया.
नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने कहा कि किसानों को धान बेचने, पहुंचाने, टोकन की परेशानी हो रही है. जितनी धान खरीदी हुई है, उससे नहीं लगता कि सरकार इस साल धान खरीदी का लक्ष्य पूरा कर पाएगी. एक किसान ने आत्महत्या करने का प्रयास किया है. दूसरे गांव में भी किसान परेशान है.
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struggle over paddy procurement – नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार पर धान खरीदी को निजी हाथों में सौंपने की साजिश का गंभीर आरोप लगाया. भूपेश बघेल ने कहा कि यदि प्रस्ताव पर चर्चा कराई जाती तो सत्ता पक्ष के सदस्यों को भी बोलने का मौका मिलता और सरकार को जवाब देना पड़ता.
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मौजूदा हालात देखकर लगता है कि सरकार की मंशा धान खरीदने की नहीं है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर सिस्टम को बर्बाद कर रही है ताकि धान खरीदी को निजी हाथों में सौंपा जा सके. भूपेश बघेल ने बताया कि धान खरीदी से जुड़े समिति प्रबंधक, कर्मचारी और कंप्यूटर ऑपरेटर हड़ताल पर हैं, लेकिन उनकी मांगें मानने के बजाय सरकार उन्हें जेल भेज रही है और कार्रवाई कर रही है.


