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    Home » सोशल मीडिया पर खाली समय बिताना मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक, आर्थिक सर्वेक्षण में खुलासा

    सोशल मीडिया पर खाली समय बिताना मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक, आर्थिक सर्वेक्षण में खुलासा

    January 31, 2025 देश 3 Mins Read
    spending free time on social media revealed in a harmful
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    आर्थिक सर्वेक्षण-2025 में युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई गई है. भागती-दौड़ती जिंदगी के बीच वर्चुअल दुनिया या सोशल मीडिया पर खाली समय बिताने की आदत को मानसिक स्वास्थ्य को हानिकारक बताया गया है. मुख्य आर्थिक सलाहकार वीअनंथा नागेश्वरन ने सर्वे में कहा है कि सोशल मीडिया पर खाली समय बिताना, शायद ही कभी व्यायाम करना या परिवार के साथ पर्याप्त समय ना बिताना मानसिक स्वास्थ्य के (spending free time on social media revealed in a harmful) लिए हानिकारक है. अगर देश को आर्थिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करना है तो जीवनशैली के विकल्पों पर तत्काल ध्यान दिया जाना चाहिए.

    सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि मानसिक कल्याण जीवन की चुनौतियों से निपटने और उत्पादक ढंग से कार्य करने की क्षमता है. मानसिक कल्याण में हमारी सभी मानसिक-भावनात्मक, सामाजिक, संज्ञानात्मक और शारीरिक क्षमताएं शामिल हैं.

    इसे भी पढ़ें – Plastic Bottle वाला पानी है खतरनाक, स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

    आर्थिक सर्वेक्षण इस बात पर प्रकाश डालता है कि जीवनशैली विकल्प, कार्यस्थल संस्कृति और पारिवारिक परिस्थितियां उत्पादकता के लिए महत्वपूर्ण है. यदि भारत की आर्थिक महत्वाकांक्षाओं को पूरा करना है तो जीवनशैली विकल्पों पर तत्काल ध्यान दिया जाना चाहिए, जो अक्सर बचपन/युवा अवस्था के दौरान किए जाते हैं.

    आर्थिक सर्वेक्षण इस बात पर प्रकाश डालता है कि बच्चों और किशोरों में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों में वृद्धि अक्सर इंटरनेट और विशेष रूप से सोशल मीडिया के अत्यधिक उपयोग से जुड़ी होती है.

    मानसिक स्वास्थ्य को लेकर आर्थिक सर्वेक्षण में जताई गई चिंता

    जोनाथन हैडट की पुस्तक ‘द एनक्सियस जेनरेशन: हाउ द ग्रेट रीवायरिंग ऑफ चिल्ड्रेन इज कॉजिंग ए एपिडेमिक ऑफ मेंटल इलनेस’ का संदर्भ देते हुए सर्वेक्षण इस बात पर जोर देता है कि “फोन-आधारित बचपन” का आगमन बड़े होने के अनुभव को फिर से तार-तार कर रहा है. अपनी जड़ों की ओर लौटने से हमें मानसिक स्वास्थ्य के मामले में आसमान तक पहुंचने में मदद मिल सकती है.

    सर्वेक्षण में बताया गया है कि मानसिक कल्याण पर सबसे कम ध्यान दिया जाना चिंताजनक है. अर्थव्यवस्था पर इन प्रवृत्तियों का प्रभाव भी उतना ही परेशान करने वाला है. प्रतिकूल कार्य संस्कृतियां और डेस्क पर काम करने में अत्यधिक घंटे मानसिक स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं और अंततः आर्थिक विकास की गति पर ब्रेक लगा सकते हैं.

    स्कूल और परिवार स्तर पर हस्तक्षेप की जरूरत

    आर्थिक सर्वेक्षण में स्कूल और परिवार स्तर पर हस्तक्षेप की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया है. ताकि दोस्तों के साथ मिलकर स्वस्थ समय बिताया जा सके, बाहर खेलना, घनिष्ठ पारिवारिक बंधन बनाने में समय निवेश करना बच्चों और किशोरों को इंटरनेट से दूर रखने और मानसिक कल्याण में सुधार करने में काफी मदद करेगा.

    spending free time on social media revealed in a harmful – आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि अपनी जड़ों की ओर लौटने से हम मानसिक स्वास्थ्य के मामले में आसमान तक पहुंच सकते हैं. आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में कहा गया है कि मानव कल्याण और राष्ट्र की भावना की प्रत्यक्ष लागत को देखते हुए मानसिक कल्याण को आर्थिक एजेंडे के केंद्र में रखना विवेकपूर्ण है और समस्या का पैमाना बहुत बड़ा है.

    सर्वे में यह भी कहा गया है कि अब व्यवहार्य, प्रभावशाली निवारक रणनीतियों और हस्तक्षेपों को खोजने का समय आ गया है, क्योंकि भारत का जनसांख्यिकीय लाभांश कौशल, शिक्षा, शारीरिक स्वास्थ्य और सबसे ऊपर, अपने युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर निर्भर है.

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