- टीम ने मिली बड़ी सफलता
लखनऊ। लखीमपुर खीरी में जो हिंसा हुई उसमें चार किसान सहित आठ लोगों की मृत्यु हुई, जिसके चलते मामले की जांच में एसआईटी के द्वारा मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के साथ उसके साथियों पर शिकंजा कसा जा रहा है। इस बीच बीते शुक्रवार को टीम ने बड़ी सफलता हासिल की है।
शुक्रवार दोपहर बाद करीब पौने चार बजे एसआइटी और लखीमपुर क्राइम ब्रांच इस हिंसा के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री अखिलेश दास के भतीजे अंकित दास और उनके सुरक्षा गार्ड लतीफ उर्फ काले को लेकर हुसैनगंज क्ले स्क्वायर स्थित एमआइ अपार्टमेंट पहुंची और यहां करीब आधे घंटे तक रुकी इस दिन फ्लैट से अंकित की रिपीटर गन और रिवाल्वर बरामद कर ली गई।
इसके बाद एसआइटी और क्राइम ब्रांच अंकित व लतीफ को लेकर गोमतीनगर फन माल के पास होटल सागर सोना पहुंची। जहां से डीवीआर और फुटेज भी कब्जे में ले ली गई। जानकारी मिल रही है कि लखीमपुर कांड के दौरान अंकित और लतीफ काले रंग की फार्च्यूनर कार में बैठे थे।
गिरफ्तारी के बाद अंकित ने बताया था कि भीड़ उन पर पथराव कर रही थी और फाच्र्यूनर कार कुछ दूर आगे जाकर पलट गई जिसके बाद भीड़ उनकी तरफ दौड़ी तो यहां अंकित और लतीफ गाड़ी से निकलकर भागे। और उन्होंने फायरिंग की।
अंकित ने एसआइटी को बताया कि वारदात होने के बाद वे भागे तो भीड़ ने उनकी कार को जला दिया था। जिसके चलते जो लाइसेंस कार में रखे थे वे भी जल गए हैं। अब एसआइटी लाइसेंस और अन्य दस्तावेज के बारे में जानने के लिए जुटी है।
अंकित के अनुसार घटना के बाद वह अपने घर लखनऊ बाबू बनारसी दास नगर भाग गया था। फिर एक रात होटल में रुका और वहां से सीधा नेपाल भाग गया था। जब उसने आशीष की गिरफ्तारी की न्यूज़ सुनी तो आत्मसमर्पण के करने का मन बना लिया।