शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वो बाढ़ ग्रस्त किसानों के भावनाओ से खेल रही है. उन्हें अब तक उनके बैंक खातों में सहायता धनराशि नही दी गई. इस साल किसानों (Sharad Pawar’s big attack) की दिवाली काली है. 17 अक्टूबर को एनसीपी किसानों के हक में हर जिले के कलेक्टर ऑफिस पर मोर्चा निकालने वाली है. एनसीपी ने ट्वीट कर कहा कि महाराष्ट्र में अतिवृष्टि ने जबरदस्त कहर मचाया है.
खेत पानी में डूब गए. फसलों के साथ मिट्टी बह गई और मेहनत से खड़ा किया गया किसानों का संसार पलभर में उजड़ गया. उज्ज्वल भविष्य के सपने देखने वाले बच्चों की किताबें-खातें कीचड़ में दब गईं तो वर्षों से पाले गए पशुधन की जान गई.
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इन सर्वनाश के कारण किसान की कमर टूट गई है. किसानों का कहना है कि जब वे मदद की उम्मीद कर रहे थे, तब सरकार ने अपनी जिम्मेदारी से मुह मोड़ लिया. सरकार ने केवल टुटपूंजी रकम देकर अपना हाथ झटक लिया. कई किसान परिस्थितियों से हताश होकर आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं, लेकिन सत्ता के नशे में चूर सत्ताधारी नेताओं को उनके अंतरात्मा क आवाज तक सुनाई नहीं दे रही.
Sharad Pawar’s big attack – इसको लेकर राज्यभर के किसान 17 अक्टूबर यानी शुक्रवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक प्रत्येक जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन करेंगे. इस आंदोलन का उद्देश्य है किसान जो अनुभव कर रहे हैं, उसे सरकार तर पहुंचाना.