यूपी में अब 250 की आबादी वाले गांवों के मार्गों को प्रमुख सड़क से जोड़ा जाएगा। इसके लिए काम शुरू हो चुका है। बरसात में सड़कें अधिक टूटती हैं। जहां भी पानी भरेगा वहां सड़क पर गड्ढा बन जाएगा। बरसात से पहले तारकोल डालने से पहले का अतिरिक्त काम पूरा कर लिया जाएगा। बारिश के बाद तारकोल डाला जाएगा ताकि बरसात से सड़क सुरक्षित रहें। लोक निर्माण राज्य मंत्री (PWD Minister) कुंवर बृजेश सिंह ने बरसात से ठीक पहले सड़क बनाने और बारिश में इनके टूटने के सवाल पर उक्त बात कही।
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PWD Minister – लोक निर्माण राज्यमंत्री ने एक प्रश्न का जवाव देते हुए कहा, बदलाव की शुरुआत तो 2014 से ही हो गई थी। केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनते ही काम शुरू हुआ। 2017 में प्रदेश में पहली बार मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ को जिम्मेदारी मिली। योग्य एवं ईमानदार सोच के साथ काम करके ही उनके नेतृत्व में दोबारा सत्ता में आए। केवल लोक निर्माण विभाग ही नहीं बल्कि सभी विभागों का एक ही लक्ष्य है, उचित कानून व्यवस्था देंगे, अंत्योदय योजना पर फोकस करेंगे और सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, के साथ काम करेंगे। मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश हैं कि सरकार जनता के बीच जाएगी। इसी क्रम में मंत्रियों के 18 ग्रुप मंडल में पहुंच रहे हैं।
प्रदेश पहले दो एक्सप्रेस-वे के नाम से जाना जाता था, लेकिन आज कई एक्सप्रेस-वे हैं। प्रदेश में दो लाख 76 हजार किमी सड़क क्षेत्र लोक निर्माण विभाग के दायरे में आता है। सरकार केवल सड़क पर नहीं बल्कि सड़क सुरक्षा को लेकर भी गंभीर है। पहली बार कोई सरकार है जो सड़क सुरक्षा पर भी काम कर रही है। सरकार का लक्ष्य है कि जो भी सड़कें बनें वे गुणवत्तायुक्त हों। प्रधानमंत्री सड़क योजना की तरह राज्य सरकार अपने अधीन आने वाली सड़कों के रखरखाव पर काम कर रही है।
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राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार सड़क निर्माण के साथ ही सड़क सुरक्षा के लिए भी गंभीर है। मेरठ, बुलंदशहर एवं आगरा शहरों में इनर रिंग रोड की जरुरत और मांग पर राज्य मंत्री ने कहा कि इसके लिए दो बैठक हो चुकी हैं, लेकिन अभी कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। राज्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सात शहरों में रिंग रोड का प्रस्ताव है। उम्मीद है, हम जल्द ही किसी न किसी निष्कर्ष पर पहुंच जाएंगे। सरकार के एजेंडे में यह प्राथमिकता में है और वह सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ रही है।